मैटरनिटी कपड़ों को ऑनलाइन बेचेगी अनुष्का शर्मा, जानिए क्यों

बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) अपने मैटरनिटी वीयर्स को बेचने का फैसला किया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक सेल के जरिए अपने मैटरनिटी पीस को बेचने की शुरूआत कर रही हैं। इसके पीछे अनुष्का शर्मा का एक खास मकसद है। इस सेल से जमा होने वाली रकम को अनुष्का स्नेहा नाम की एक फाउंडेशन के माध्यम से मातृ स्वास्थ्य का समर्थन करेंगी। इसकी जानकारी खुद अनुष्का ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर दी। साथ ही एक्ट्रेस ने बताया कि वह उन कपड़ों को बेचने जा रही हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान उनके पसंदीदा ड्रेस में शामिल था। एक्ट्रेस ने यह नई मुहिम भी एक चैरिटी की मदद के लिए की है। इस रकम से मैटरनिटी के दौरान महिलाओं को होने वाले परेशानियों में मदद की जाएगी।
अनुष्का की पहल,दान में देंगी पैसे
प्रेगनेंसी के दौरान जो कपड़े अनुष्का ने पहने थे, उनकी अब ऑनलाइन बिक्री होगी।अनुष्का शर्मा अपने मैटरनिटी कपड़ों को बेचने से मिलने वाले मुनाफे को मातृ स्वास्थ्य की देखरेख के काम में लगाएंगी। एक इंटरव्यू के दौरान अनुष्का ने इसके पीछे के उद्देश्य और मंशा को बताया। ‘फैशन सिस्टम’ में ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ की शुरुआत हो इसके लिए वह कहती हैं‘यह एक बहुत ही सरल तरीका है जिससे हम सभी एक बेहतर जिंदगी जी सकते हैं। अपने कपड़ों को सर्कुलर फैशन सिस्टम में इस्तेमाल करके हम पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक काम कर सकते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान मैंने सोचा कि सर्कुलर इकॉनमी में भाग लेने का लिए यह वक्त उपयुक्त है। इसलिए मुझे उम्मीद है कि हम ऐसे इकोसिस्टम की मिल कर शुरू कर सकते हैं’।अनुष्का शर्मा ने आगे कहा, अपनी गर्भावस्था के दौरान, मुझे लगा कि हमारे जीवन का यह फेज सर्कुलर इकोनॉमी में भाग लेने के लिए विशिष्ट रूप से उपयुक्त है। इसलिए मुझे उम्मीद है कि हम इस पारिस्थितिकी तंत्र को एक साथ शुरू कर सकते हैं।
वह कहती हैं, उदाहरण के लिए, अगर शहरी भारत में सिर्फ 1 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं ने न्यू फैशन मातृत्व कपड़ों का एक पीस खरीदा है, तो हर साल हम रूढ़िवादी रूप से बचत कर सकते हैं एक व्यक्ति 200 से अधिक वर्षों में जितना पानी पीता है! यह एक ऐसा तरीका है जिससे प्रत्येक व्यक्ति का एक छोटा सा कार्य वास्तविक अंतर ला सकता है।
कैसे पड़ेगा प्रभाव
सर्कुलर फैशन को अपना कर कैसे पर्यावरण पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, उस पर वह कहती हैं- ‘अगर शहरों में रहने वाली केवल एक प्रतिशत गर्भवती महिलाएं इन मैटरनिटी कपड़ों को दोबारा खरीदती हैं तो हम इतने पानी का संरक्षण कर सकते हैं कि एक आदमी उसे 200 साल तक पी सकता है। यह है एक ऐसा तरीका जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपने एक छोटा योगदान से बड़ा बदलाव ला सकता है’।