खत्म होगें कोरोना वायरस के सभी वैरियंट
प्रमुख खबरें । वैश्विक बीमारी कोरोना(Corona) को रोकने के लिए सभी देश विशेषज्ञों की देखरेख में लगातार रिसर्च(research) कर रहे है। कोरोना वायरस भी लगातार अपना स्वरुप बदल रहा है, जिसने विशेषज्ञों को हैरान भी कर दिया है। कोरोना का अलग अलग वैरियंट जिसने लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है उसका इलाज अमेरिकी वैज्ञानिकों(American scientist) ने ढूंढ निकला है। विशेषज्ञों न एक ऐसी वैक्सीन(vaccine) बना ली है जिस कोरोना वायरस परिवार के सभी खतरनाक वायरस के खिलाफ प्रभावी रही है, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चूहों पर इस ट्रायल(trail) किया था, जोकि सफल रहा है। इस ट्रायल की खास बात यह रही कि इसमें उन चूहों का प्रयोग में शामिल किया गया था, जो कोरोना के अलग वैरियंट से पीड़ित थे। सफल वैक्सीन का ट्रायल करने वाली अमेरिका की कैरोलिना यूनिवर्सिटी(Carolina university) के वैज्ञानिकों का इस वैक्सीन को लेकर तर्क है कि कोरोना पर लगातार हो रहे रिसर्च से पता है, कि यह वायरस अपने स्वरुप में बदलने में सक्षम है, इसलिए भविष्य को ध्यान में रखकर इस वैक्सीन को बनाया गया है जो कोरोना के अलग अलग वैरियंट पर प्रभावी रही है।ये वैक्सीन जानवरों से इंसानों में फैलने वाले वायरस से बचाने में सक्षम है। स्टडी के मुताबिक इस वैक्सीन को सेकेंड जनरेशन(second generation) की वैक्सीन बताया जा रहा है। वर्तमान फाईजर(Pfizer) और मॉडर्ना(moderna) वैक्सीन भी इसी पद्धति पर काम कर रही है। अमेरिका वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई वैक्सीन सरबेकोवायरस पर हमला करती है। सरबेकोवायरस कोरोना फैमिली का ही वायरस है। सार्स और कोविड 19 भी इस फैमिली के वैरियंट है। नई वैक्सीन पर जब चूहों पर ट्रायल किया गया तो परिणाम उम्मीद से अच्छे आए थे। जिन चूहों का इस्तेमाल किया गया था उन चूहों के भीतर ऐसी एंटीबॉडी बनीं थी जो स्पाइक(spike) प्रोटीन(Protin) को खत्म करने में सक्षम थी।
ट्रायल की परिणामों की मानें तो अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित वैक्सीन साउथ अफ्रीका(South Africa) में कोरोना के वैरियंट B – 1.351 के खिलाफ भी असरदार साबित हुई है। इसके साथ कोरोना वायरस की स्पाइक जो कि कोरोना वायरस की सतह पर क्राउन की तरह नजर आती है,उनमें से वायरस को बाहर निकालता है। जिसके बाद वायरस का असर कम हो जाता है, और कोरोना के किसी भी वैरियंट से पीड़ित व्यक्ति जल्द स्वस्थ हो सकता है।