उपराष्ट्रपति बोले- जलवायु संकट में, पयार्वरण की रक्षा के लिए सभी बने योद्धा

ताजा खबर : नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu) ने शुक्रवार को पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन (Violation of environmental laws) करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया और प्रदूषक द्वारा भुगतान के सिद्धांत को लागू करने के महत्व को रेखांकित किया। नायडू ने कहा कि दुनिया जिस जलवायु संकट (climate crisis) से गुजर रही है, उसे देखते हुए पर्यावरण की रक्षा (protect the environment) के आंदोलन में सभी को एक योद्धा बनना चाहिए। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, पंचायत से लेकर संसद तक, सभी हितधारकों को पर्यावरण की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए। बयान में कहा गया है कि उन्होंने प्रदूषण कानूनों के उल्लंघनकर्ताओं (Violators of pollution laws) के साथ सख्ती से कार्रवाई करने और ‘प्रदूषक द्वारा भुगतान’ सिद्धांत को सख्ती से लागू करने पर विचार करने पर भी जोर दिया।
हाल की आपदाओं जैसे हिमाचल प्रदेश में अचानक आई बाढ़, उत्तराखंड (Uttarakhand) में भूस्खलन और कनाडा (Canada) तथा अमेरिका (America) में गर्म हवाओं (hot winds) पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि ये जलवायु परिवर्तन (Climate change) के कारण विकराल होती मौसमी घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति के उदाहरण हैं। नायडू ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हाल में बिजली गिरने से हुई मौतों पर भी चिंता व्यक्त की। स्वर्ण भारत ट्रस्ट, हैदराबाद में प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन चिंताजनक प्रवृत्तियों के आलोक में, लोगों के लिए प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करना और सभी की भलाई सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण की रक्षा करना अनिवार्य है।
भारतीय सभ्यता में प्रकृति को दिए गए महत्व को याद करते हुए नायडू ने कहा कि लोगों को प्राकृतिक पर्यावरण के ‘न्यासी’ के रूप में कार्य करना चाहिए, जैसा कि गांधी जी ने सलाह दी थी। उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन बनाने में नेतृत्व का उल्लेख किया और जलवायु परिवर्तन की दिशा में और भी अधिक ठोस वैश्विक प्रयासों का आह्वान किया।