धर्म

अक्षय तृतीया को मनाई जाती है परशुराम जयंती ,जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Parshuram Jayanti 2021: हिंदू कैलेंडर(Hindu calendar) के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष (Vaishakh Shukla Paksha) की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)कहा जाता है। इसे परशुराम जयंती(Parshuram Jayanti) के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान परशुराम को विष्णु जी का छठां अवतार माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं (Mythological beliefs)के अनुसार परशुराम जयंती हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। परशुराम जी का जन्म प्रदोष काल में तृतीया तिथि में हुआ था। ऐसे में परशुराम जयंती का उत्सव भी प्रदोष काल में ही मनाने की परंपरा रही है। इस दिन अक्षय तृतीया भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।

परशुराम जयंती शुभ मुहूर्त (Parashuram Jayanti auspicious time)
धर्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष काल में परशुराम जयंती मनाना बहुत शुभ होता है। यह जन्मोत्सव प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद और रात से पहले के समय को कहा जाता है। आपकों बता दें कि इस दिन राहुकाल(Rahukaal) दिन 10 बजकर 36 मिनट से शरू होकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। जन्मोत्सव के समय राहुकाल का विशेष ध्यान रखें।

वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि आरंभ- 14 मई 2021 (शुक्रवार) सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर

वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि समाप्त- 15 मई 2021 (शनिवार) सुबह 08 बजे

परशुराम जयंती पूजा-विधि (Parshuram Jayanti Puja Method)

हिंदू धर्म में परशुराम जयंती का दिन बहुत अहम माना जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले(Before sunrise) पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. अगर आपके आसपास नदी नहीं है तो पानी की बाल्टी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

इसके बाद धूप दीप जलाकर व्रत करने का संकल्प लें।

भगवान विष्णु (Lord vishnu) को चंदन लगाकर विधि-विधान से उनकी पूजा करें. फिर भगवान को भोग लगाएं।

इस दिन व्रत करने वाले लोगों को किसी तरह का कोई अनाज नहीं खाना चाहिए।

आप चाहे तो परशुराम जी के मंदिर जाकर उनके दर्शन भी कर सकते हैं लेकिन कोरोना काल(Corona era) में ऐसा करने से बचें और उन्हें मन में ही याद करें।

परशुराम जयंती का महत्व
परशुराम जयंती भगवान विष्णु के छठे अवतार है जिन्हें आज भी पृथ्वी पर जीवित माना जाता है। गौरतलब, है कि दक्षिण भारत के उडुपी(Udupi) के पास परशुराम जी का बड़ा मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि कलयुग(Kalyug) में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि (Kalki) के रूप में अवतरित होंगे। उस समय परशुराम जी ही उनको अस्त्र-शस्त्र देंगे।

 

 

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