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वृद्धाश्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ली अंतिम सांंस, बीजेपी में शोक की लहर

पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यव्रत मुखर्जी ने 91 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने बालीगंज (कलकत्ता) के एक वृद्धाश्रम में अंतिम सांस ली।

कलकत्ता : पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यव्रत मुखर्जी ने 91 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने बालीगंज (कलकत्ता) के एक वृद्धाश्रम में अंतिम सांस ली। गौरतलब है कि मुखर्जी अटल बिहारी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री थे। इसके अलावा वे भारत के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी रहे थे। सत्यव्रत मुखर्जी का जन्म 8 मई 1932 को असम (अब बांग्लादेश) के सिलहट में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल की थी। इसके बाद, मुखर्जी ने द ऑनरेबल सोसाइटी ऑफ लिंकन इन से अपना बार-एट-लॉ किया और लंदन में रीजेंट स्ट्रीट पॉलिटेक्निक में आगे की पढ़ाई भी की।

1999 में की राजनीति में एंट्री

1999 में कृष्णनगर लोकसभा क्षेत्र से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। मुखर्जी ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीता था। अपने लोकसभा कार्यकाल के दौरान, उन्होंने सितंबर 2000 से जून 2002 तक रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में और बाद में जुलाई 2002 से अक्टूबर 2003 तक वाणिज्य और उद्योग के लिए कार्य किया।

बीते कई सालों से बीमार चल रहे थे मुखर्जी

बता दें कि सत्यव्रत मुखर्जी 87 वर्ष की आयु तक नियमित रूप से हाई कोर्ट जाया करते थे। वे पार्टी की गतिविधियों पर नजर रखते थे, लेकिन बढ़ती उम्र के कारण बीते तीन सालों से वो सभी चीजों से दूर हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राज्य में नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी ने दिग्गज नेता के निधन पर दुख जताया है।

सुभेंदु अधिकारी ने जताया दुख

सुभेंदु अधिकारी ने ट्विटर पर लिखा, “मैं बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सत्यव्रज मुखर्जी के निधन से दुखी हूं। जोलू बाबू के नाम से लोकप्रिय, वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सांसद और मंत्री थे। उनके परिवार के सदस्यों और दोस्तों के प्रति संवेदना। उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले। ॐ शांति।”

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