मध्यप्रदेशसतना

विंध्य में कांग्रेस का खेल बिगाड़ेगी आप, पिछली बार 30 में से मिली थीं सिर्फ 6 सीटें

आम आदमी पार्टी ने विंध्य के सिंगरौली, रीवा व सतना में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में विंध्य को फतह करने के मंशूबे बना रही कांग्रेस को आम आदमी पार्टी काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकती है।

सतना। मिशन 2023 को सफल बनाने के लिए कांग्रेस व भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं , यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस के रणनीतिकार चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। 30 में से 24 सीटें जीतकर विंध्य में अपनी जीत का परचम लहरा रही भाजपा को पटखनी देने पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ लगातार रणनीतियों को धार तो दे रहे हैं लेकिन गुजरात, पंजाब जैसे राज्यों में कांग्रेस का खेल बिगाड़ चुकी आम आदमी पार्टी की एंट्री ने कांग्रेस के रणनीतिकारों की पेशानी पर बल डाल दिए हैं।

आम आदमी पार्टी ने विंध्य के सिंगरौली, रीवा व सतना में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में विंध्य को फतह करने के मंशूबे बना रही कांग्रेस को आम आदमी पार्टी काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकती है। यदि विंध्य की कुछ सीटों पर आप कांग्रेस के लिए वोटकटवा साबित हुई तो इसका पूरा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।

विंध्य में 30 सीटे, कांग्रेस के पास केवल 6
विंध्य क्षेत्र में 7 जिले हैं, जिनमें सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, सिंगरौली, अनूपपुर और उमरिया शामिल हैं। इनमें से सतना में 7 विधानसभा सीटें, रीवा में 8, सीधी में 4, शहडोल में 3, सिंगरौली में 3, अनूपपुर में 3 और उमरिया में 2 विधानसभा सीटें हैं। यदि पिछले चुनाव परिणामों को देखा जाय तो सतना जिले की 7 विधानसभा सीटों में से चित्रकूट, सतना और रैगांव विधानसभा सीट में कांग्रेस का क ब्जा है तो अमरपाटन, रामपुर बाघेलान, नागौद और मैहर सीट भाजपा के पास हैं।

रीवा की आठों सीटें भाजपा के पास
रीवा जिले की 8 विधानसभा सीटों में से आठों सीटें भाजपा ने अपनी झोली में डाल रखी है, जबकि सीधी जिले की 4 विधानसभा सीटों में से केवल सिहावल विधानसभा में कांग्रेस काबिज है जबकि चुरहट , सीधी और धौहानी विधानसभा सीट भाजपा के खाते में है। इसी प्रकार सिंगरौली जिले की 3 सीटों सिंगरौली, देवसर व चितरंगी में भाजपा का कब्जा है। विंध्य के शहडोल जिले की तीनों जयसिंहनगर, ब्यौहारी व जैतहरी विंधानसभा सीट जीतकर भाजपा ने कांग्रेस का क्लीन स्वीप किया तो अनूपपुर जिले की 3 सीटों कोतमा, अनूपपुर व पुष्पराजगढ़ में से कोतमा व पुष्पराजगढ़ में कांग्रेस ने अपनी जीत का परचम लहराया है। इसी प्रकार विंध्य के उमरिया जिले की दो विधानसभा सीट बांधवगढ़ और मानपुर में भाजपा का कब्जा है।

सतना और अनूपपुर ने कांग्रेस की बचाई थी लाज
कभी विंध्य क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन बसपा के उदय के बाद कांग्रेस का जनाधार तेजी से खिसकता रहा और वर्ष 2018 में विंध्य में कांग्रेस की चुनावी इतिहास की सबसे बड़ी हार हुई जिसमें रीवा और सिंगरौली जिले की 11 सीटों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। विंध्य के सतना जिले ने तीन व अनूपपुर जिले ने 2 सीटें कांग्रेस की झोली में डालकर कांग्रेस की लाज बचाई थी। हालंकि कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगाकर कांग्रेस को कमजोर बनाने वाली बसपा का जनाधार भी विंध्य में तेजी से खिसका है लेकिन इससे कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी की दस्तक ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

24 सीटों पर भाजपा है काबिज
पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सिंगरौली प्रत्याशी रानी अग्रवाल ने तकरीबन 32167 (22 फीसदी ) मत हासिल कर अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई थी। बाद में निकाय चुनाव में रानी अग्रवाल ने आप की टिकट पर ही महापौर चुनाव जीता। बता दें कि विंध्य में विधानसभा की 30 सीटें हैं, जिनमें से 24 पर बीजेपी का कब्जा है, वहीं कांग्रेस के पास 6 सीटें हैं। कुछ सीटों पर बसपा का प्रभाव है तो कुछ सीटों पर आम आदमी पार्टी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने को बेताब है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आप या बसपा जहां भी प्रभाव डालेगी वहां कांग्रेस को नुकसान होगा।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button