चमत्कारिक लाभ देती है एक कप ब्लैक-टी, लॉन्ग लाइफ के लिए है बेहद जरूरी
एक अध्ययन में यह पता चला कि अगर आप अपने आहार में उच्च स्तर के फ्लेवोनोइड्स का सेवन करती हैं तो पेट की समस्याएं होने की संभावना बहुत कम होती है।
हेल्थ डेस्क : यदि आप रोजाना एक कप ब्लैक टी पीते हैं तो इससे आपको कई तरह के हेल्थ बेनेफिट्स लॉन्ग लाइफ तक मिल सकते हैं। हालांकि यदि आप चाय पीने वालों में से नहीं है। तो इसकी जगह आप दूसरे पदार्थ का सेवन कर सकते हैं। जो आपको लंबी उम्र जीने में मदद करेंगे। फ्लेवोनोइड्स जो प्राकृतिक रूप से सामान्य खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। जैसे- सेब, खट्टे फल, जामुन, ब्लैक टी आदि। ये सभी पदार्थ लंबे समय से हेल्थ बेनेफिट्स के तौर पर जाने जाते रहे हैं। हालांकि अब इन पदार्थों के फायदों को लेकर एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी में एक बड़ी स्टडी की गई है।
एक स्टडी में पता चला है कि फ्लेवोनोइड्स युक्त पदार्थ के कई फायदे ऐसे हैं जो हमारी सोच से कहीं आगे हैं और ये पदार्थ जीवन में कई तरह के चमत्कारी लाभ दे सकते हैं। स्टडी के मुताबिक हार्ट फाउंडेशन ने 881 बुजुर्ग महिलाओं में एक अध्ययन किया। इन सभी महिलाओं की औसत आयु 80 वर्ष थी। अध्ययन में यह पता चला कि अगर आप अपने आहार में उच्च स्तर के फ्लेवोनोइड्स का सेवन करती हैं तो पेट की समस्याएं होने की संभावना बहुत कम होती है।
स्टडी के मुताबिक फ्लेवोनोइड्स का सेवन करने से शरीर की सबसे बड़ी धमनी जो हृदय से पेट के अंगो और निचले अंगो तक ऑक्सीजन युक्त ब्लड का सर्कुलेशन करती है और साथ ही यह दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसे हृदय जोखिमों का पूर्व में ही संकेत देती है। उसका व्यापक रूप से निर्माण नहीं होता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि फ्लेवोनोइड्स कई तरह के होते हैं। फ्लेवन-3 और फ्लेवोनोल्स ये सीधे तौर पर हमारे शरीर की बड़ी धमनी के साथ संबंध रखते हैं। स्टडी के अनुसार कई लोगों ने फ्लेवोनोइड्स फ्लेवन-3 और फ्लेवोनोल्स का अधिक सेवन किया था। जिससे पेट की महाधमनी कैल्सीफिकेशन की दिक्कत होने की संभावना 36-39 प्रतिशत तक कम थी। एक्सपर्ट के मुताबित जिन लोगों ने फ्लेवोनोइड्स को लिया था उनका मुख्य स्रोत काली चाय थी। जिन लोगों ने चाय का सेवन नहीं किया उनमें धमनी संबंधी प्राब्लम्स की गुंजाइश 16-42 प्रतिशत थी।
एक्सपर्ट के मुताबिक फ्लेवोनोइड्स के कुछ अन्य आहार भी जबरदस्त स्रोत हैं। जिनमें फलों का रस, रेड वाइन और चॉकलेट शामिल हैं। हालांकि अध्ययन में काली चाय फ्लेवोनोइड्स का मुख्य स्रोत थी। दूसरी तरफ एक्सपर्ट ने यह भी स्वीकार किया कि गैर फ्लेवोनोइड भी धमनियों के व्यापक कैल्सीफिकेशन से बचाता है।