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आशीष मिश्रा का हर दांव रहा फेल, 12 घंटे की पूछताछ के एसआईटी ने पहुंचाया जेल

लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri scandal) में नामजद अभियुक्त केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को आखिरकार 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद शनिवार रात 10:50 बजे गिरफ्तार कर ही लिया गया और उसे कल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पूछताछ के दौरान हिंसा में नामजद आरोपी आशीष मिश्रा एसआईटी टीम (SIT Team) को लगातार घुमाता रहा। लेकिन उसका हर दांव फेल रहा। हांलाकि अभी भी SIT टीम आशीष के जवाब से संतुष्ट नहीं हे।

आशीष मिश्रा के गिरफ्तारी की पुष्टि सरकार द्वारा बनाई गई विशेष पर्यवेक्षण समिति के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल (DIG Upendra Agarwal) ने पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के कार्यालय के बाहर आकर की। बता दें कि किसानों (farmers) को जिस थार कार (Thar Car) से रौंदा गया वो आशीष मिश्रा चला रहा था। जबकि बचाव में आशीष मिश्रा और उनके पिता व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की तरफ से लगातार ये दलीलें दी जा रही हैं कि घटनास्थल पर वो मौजूद ही नहीं था। इसी सवाल पर क्राइम ब्रांच ने भी आशीष मिश्रा से पूछताछ की।

न्यायिक हिरासत में भेजा
पेशी के बाद आशीष को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अब इस मामले को लेकर सोमवार को सुनवाई होगी। तब तक मुख्य आरोपी आशीष को जेल में रहना होगा। बताते हैं कि आशीष के वकील ने कस्टडी का विरोध किया था। आशीष के वकील अवधेश कुमार ने बताया कि उसे न्यायिक दंडाधिकारी (judicial magistrate) के समक्ष पेश किया गया था। सोमवार 11 अक्तूबर को सुनवाई होगी कि उन्हें पुलिस कस्टडी दी जानी चाहिए या नहीं। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में रहेंगे। पुलिस ने तीन दिन की हिरासत मांगी थी, जिस पर हमने आपत्ति जताई थी।





बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी की पूछताछ में आशीष से करीब 40 सवाल पूछे गए. एसआईटी के एक सवाल का आशीष जवाब भी नहीं दे सका। आशीष से पूछा गया कि 3 अक्टूबर को दिन में 2:36 से 3:30 बजे तक वह कहां था? आशीष इस सवाल का जवाब नहीं दे पाया। यानी आशीष ने घटना के दिन के वीडियो दिखाकर खुद को कहीं और बताने के प्रयास जरूर किए, लेकिन जिन वक्त किसानों को कार से रौंदने की घटना हुई, ठीक उसी वक्त वो कहां था, ये साबित करने में वो सफल नहीं रहा.

पुलिस का बयान
डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया ‘लंबी पूछताछ के बाद हमने पाया कि वो सहयोग नहीं कर रहे हैं, विवेचना में कई सारी बातें नहीं बताना चाह रहे हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं। तिकुनिया हिंसा मामले में एक और खबर सामने आई कि जिस थार जीप ने किसानों की जान ली। उस थार का इंश्योरेंस खत्म हो गया था। गाड़ी का इंश्योरेंस 13 जुलाई 2018 से खत्म हो चुका है। बताया जा रहा है कि यह गाड़ी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के नाम पर है।

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