मध्यप्रदेश

जनता की सक्रिय सहभागिता से MP सुशासन के क्षेत्र बना उदहारण: एमपीएसडी 2022 के लोकार्पण में बोले शिवराज

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल सोमवार को दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश सुशासन और डेवलपमेंट रिपोर्ट-2022 का विमोचन किया। 340 पेज की रिपोर्ट में प्रदेश सरकार के पिछले 15 सालों में लिए गए निर्णय और विभिन्न नवाचारों को शामिल किया गया है। कार्यक्रम में अनेक केन्द्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और मध्यप्रदेश कैडर के अखिल भारतीय स्तर के प्रशासनिक, पुलिस और वन सेवा के अधिकारी भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम सारी दुनिया को मेहमान मानते हैं। भारत ने हजारों साल पहले वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि कोई कितने समय तक मुख्यमंत्री रहा, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि वह कैसा मुख्यमंत्री रहा। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में लगातार काम कर रहे हैं। पीएम के मार्गदर्शन और आम जनता की सक्रिय सहभागिता का ही नतीजा है कि माध्यप्रदेश सुशासन के क्षेत्र में देश के सामने उदाहरण बनकर खड़ा हो सका है।

आज से 15 वर्ष पहले मध्यप्रदेश जिन क्षेत्रों में बहुत पीछे था और बीमारू राज्य कहलाता था, उन क्षेत्रों में लगातार प्रगति के प्रयास किए गए, जिसका परिणाम यह है कि मध्यप्रदेश पहले विकासशील राज्य बना और अब विकसित प्रदेशों की पंक्ति में खड़ा है। मध्यप्रदेश में जन-भागीदारी से विकास का मॉडल लागू किया गया है। पिछले 02 साल में कोविड महामारी के नियंत्रण में इस मॉडल की उपयोगिता सिद्ध हुई। प्रधानमंत्री मोदी भी विकास के लिए जन-भागीदारी पर जोर देते हैं। वे हमारे प्रेरक हैं। मध्यप्रदेश निरंतर जन-भागीदारी के साथ विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति तेज करने का कार्य करेगा।

सीएम ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश में 03 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़कें विभिन्न योजनाओं में निर्मित की गईं। बिजली का उत्पादन 05 हजार मेगावॉट से बढ़ाकर 21 हजार मेगावॉट तक पहुंचाया गया। कई बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त करने वाले मध्यप्रदेश ने पंजाब और हरियाणा को गेहूं उपार्जन में पीछे छोड़ दिया है। मध्यप्रदेश का सोने जैसे दानों वाला गेहूं अमेरिका सहित अनेक देशों में निर्यात होता है। अब गेहूंके निर्यात के लिए प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं। प्रदेश में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भी बनाई गई है।

मध्यप्रदेश में सिंचाई योजनाओं से लाभान्वित सिंचाई रकबा 43 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने केन-बेतवा योजना की मंजूरी से मध्यप्रदेश के बड़े इलाके को लाभान्वित करने की पहल की है। मध्यप्रदेश में अन्य नदी जोड़ों परियोजनाएँ भी क्रियान्वित हो रही हैं। प्रदेश की विकास दर 19.7 प्रतिशत देश में सर्वाधिक है। देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश 4.6 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। सकल घरेलू उत्पाद में बीते दशक में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।




 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने इन्फ्रा सेक्टर में 48 हजार करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना में 10 हजार करोड़ की राशि का प्रावधान किया है। जल जीवन मिशन के कार्यों में 12 हजार करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। लाडली लक्ष्मी योजना की सफलता देश के लिए उदाहरण बनी है। प्रदेश में 43 लाख लाड़ली लक्ष्मियाँ हैं। बालिका और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में लगातार कार्य हो रहा है।

सीएम ने कहा कि 15 वर्ष पूर्व राज्य सरकार ने श्रमिकों, किसानों, महिलाओं, शिल्पियों, विद्यार्थियों और अन्य वर्गों की पंचायतें बुलाकर योजनाओं के स्वरूप के संबंध में सुझाव प्राप्त किए। जनता की भावनाओं का पूरा सम्मान किया गया। परिणामस्वरूप अनेक व्यवहारिक योजनाएँ निर्मित हुईं। इनके क्रियान्वयन में अच्छी सफलता मिली है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है जिसने पब्लिक सर्विस गारंटी कानून बनाया। समय पर सेवाएं न देने वाले लोग दंडित किए जाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम राइज विद्यालय, श्रमोदय विद्यालय और चिकित्सा सेवाओं के विस्तार का कार्य भी किया जा रहा है। अर्थशास्त्रियों और अन्य विषय-विशेषज्ञों से विकास के विभिन्न क्षेत्रों में परामर्श प्राप्त किया जा रहा है। दीनदयाल अंत्योदय समितियों और युवाओं की समितियों के माध्यम से विकास के प्रयासों में सहयोग मिलेगा। मध्यप्रदेश ने आपदा को अवसर में बदलने के प्रधानमंत्री आव्हान के पश्चात आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प में अधोसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुशासन, रोजगार और अर्थ-व्यवस्था को प्राथमिकता दी।





पीएम ने जो जिम्मेदारी दी उसे करके दिखाया: सिंह
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सुशासन के ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ के जिस काम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे जिम्मे सौंपा था, उसे सबसे पहले मध्यप्रदेश ने कर दिखाया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बीमारू राज्य से मध्यप्रदेश को एक रोल मॉडल राज्य बना दिया है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

मप्र के प्रगति के लिए क्षमता विकास पर ध्यान देने की जरूरत
सदस्य मानव संसाधन संवर्धन आयोग भारत सरकार डॉ. आर. बाला सुब्रमण्यम ने कहा कि मध्यप्रदेश ने सुशासन के क्षेत्र में बहुत बेहतर कार्य किया है। मध्यप्रदेश में जन-भागीदारी मॉडल बनाकर सबसे बढ़िया उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें प्रगति के लिए क्षमता विकास पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। हम अपनी क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान दें। मध्य प्रदेश अपनी योजनाओं के माध्यम से अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक के विकास के कार्य कर रहा है। मध्यप्रदेश विकास के कई पेरामीटर पर देश में आगे है।

मप्र के यह नेता रहे मौजूद
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, कृषि मंत्री कमल पटेल, सिंगापुर के हाइ-कमिश्नर वॉक, मध्यप्रदेश के सांसद और प्रतिनियुक्ति पर नई दिल्ली में पदस्थ मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी, सुशासन संस्थान की सीईओ जी.व्ही. रश्मि और एसीईओ लोकेश शर्मा भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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