महागठबंधन में रार शुरू: तिवारी ने नीतीश को दी यह सलाह, तो उपेन्द्र ने ऐसे किया करारा पलटवार
नई दिल्ली/ पटना। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार बने लगभग एक महीने ही बीते हैं। खास बात यह है कि एक महीने बाद ही जेडीयू और आरजेडी के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर विवाद शुरू हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि 2025 में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाकर नीतीश कुमार आश्रम खोल लें। यह बात उन्होंने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही है। उनके इस बयान ने सियासत गरमा दी है।
राजद नेता ने सीएम नीतीश कुमार को पुरानी बातें याद दिलाते हुए कहा नीतीश कुमार ने कहा था कि वह आश्रम खोलेंगे और आश्रम में राजनीतिक प्रशिक्षण देंगे, इसलिए वह नीतीश कुमार को कहेंगे कि आश्रम वाली बात याद रखिएगा। 2025 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाइए और उसके बाद आश्रम खोलिए। इस आश्रम में वह भी चलेंगे। खास बात यह रही की इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी मौजूद थे। तिवारी के इस बयान पर जेडीयू ने पल्टवार किया है।
कोई आश्रम नहीं खोल रहे नीतीश
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश कुमार को जनता सत्ता के शिखर पर चाहती है और वो कोई आश्रम नहीं खोल रहे हैं। करोड़ों देशवासियों की दुआएं उनके साथ है। कुशवाहा ने शिवानंद तिवारी को सलाह देते हुए कहा कि अगर उन्हें जरूरत है तो वो कोई और आश्रम तलाश लें। आम जन-जीवन में आश्रम खोलने का मतलब संन्यास लेने से लगाया जाता है और नीतीश कुमार के मामले में ऐसा कहना शिवानंद तिवारी की राजनीतिक सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
राजद तेजस्वी के सिर देखना चाहती है सीएम का ताज
राजद नेता व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर ताजा बयानबाजी की शुरूआत दरअसल, सीएम नीतीश कुमार के बयान से हुई थी। मंगलवार को एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा था कि वे इन्हीं लोगों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनकी इस बात को उठाकर शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार को पुरानी बातें याद दिलाने का प्रयास करते हुए अपने मन और राजद की महत्वाकांक्षा को भी प्रकट कर दिया। राजद अभी भले नहीं, लेकिन 2025 में तेजस्वी यादव के सिर सीएम का ताज देखना चाहती है। नीतीश कुमार को केंद्रीय राजनीति में भेजकर राजद बिहार में फिर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है।