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देश के अंदर हुई सर्जिकल स्ट्राइक, PFI को बैन करने पर बोले नरोत्तम: और क्या कहा पढ़े खबर

भोपाल। पापुलर फ्रंट आफ इंडिया पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की गई छापेमारी के बाद हुए खुलासों को लेकर गृह मंत्रालय ने पीएफआई को और इसके 8 संगठनों पर 5 साल तक के लिए बैन लगा दिया है। पीएफआई की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए यूएपीए एक्ट के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। बता दें कि छापेमारी के केन्द्रीय जांच एजेंसियों और कई राज्यों ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से पीएफआई को देश में बैन करने की मांग की थी। पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले राज्यों में मप्र भी शामिल था।

पीएफआई पर 5 साल के लिए बैन लगाए जाने पर मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि देश के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक है। प्रदेश शांति का टापू है यहां हमने देश विरोधी किसी संगठन को कभी पनपने नहीं देंगे। सिमी जैसे संगठन पहले ही खत्म कर दिए गए थे अब पीएफआई को भी हम इतिहास बना देंगे। उन्होंने कहा कि पीएफआई देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा था। जो सबूत मिले हैं उसमें इस संगठन की केरल, कर्नाटक सहित कई राज्यो में हुई हत्याओं में हाथ था। आतंकी संगठन आईएसआईएस से भी इसका संबंध था। इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाना जरूरी था।





गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में पहले इस संगठन के 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसके 21 सदस्य पकड़े गए। अब आगे भी यह कार्यवाही जारी रहेगी। जैसे जैसे पूछताछ में नाम सामने आते जाएंगे संगठन और उसके स्लीपर सेल के सदस्यों पर कार्यवाही की जाएगी। पीएफआई पर पूरी तरह नकेल कसने तक यह अभियान लगातार जारी रहेगा।

राजस्थान से जुड़े जिलों में विस्तार

मध्यप्रदेश में पीएफआई राजस्थान बॉर्डर से सटे जिलों में अपना नेटवर्क खड़ा कर रहा था। पुलिस ने इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, गुना, श्योपुर, नीमच में छापेमारी कर पीएफआई के नेताओं को गिरफ्तार किया। इनकी राजस्थान के कोटा से एमपी में नेटवर्क चलाने की योजना थी। इससे पहले एनआईए और एमपी एटीस की संयुक्त कार्रवाई में एमपी से चार पीएफआई पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।




एनआईए जांच में हुआ था यह खुलासा

बता दें कि पीएफआई एक कट्टरपंथी संगठन है। पीएफआई 2006 में अस्तित्व में आया। 2017 में एनआईए ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। एनआई जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी। एनआईए के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया।

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