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ठंड का सितम: माइनस 6 डिग्री पर पहुंचा श्रीनगर का पारा, शोपियां में पानी की पाइप जमने से कई गांवों में पानी का संकट

नई दिल्ली। पहाड़ों पर बर्फबारी (snowfall on the mountains) के बीच मैदानी इलाकों में शीतलहर (cold wave) का सितम जारी है। राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) के साथ-साथ राजस्थान (Rajasthan), पंजाब (Punjab), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), उत्तराखंड (Uttrakhand), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), हरियाणा (Haryana), चंडीगढ़ (Chandigarh) और जम्मू-कश्मीर (Jammu&Kashmir) में तो अगले कुछ दिन भीषण शीतलहर चलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं दिल्ली के सफदरजंग (Delhi’s Safdarjung) मौसम केंद्र में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस (Minimum temperature 3.2 °C) रिकार्ड किया गया। जो कि सामान्य से पांच डिग्री कम है। दिल्ली के लोगों को सोमवार के दिन भी कंपकंपाने वाली ठंड का सामना करना पड़ा। जबकि श्रीनगर का पारा माइनस 6 डिग्री पर पहुंच गया है।

आधे दिसंबर के बाद ठंड का मिजाज इतनी तेजी से बदला कि उत्तर भारत के राज्यों में तापमान में गिरावट के साथ ठिठुरन बढ़ी है। शीतलहर का ऐसा असर है कि दिन में धूप खिलने के बावजूद ठंडी हवाएं शरीर को चुभ रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान और मैदानी इलाकों के जमने की वजह पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी है। वहीं श्रीनगर में पारा -6 डिग्री तक पहुंच गया है। घाटी के दूसरे इलाकों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। शोपियां जिले के कई इलाकों में पानी की पाइप जम जाने से कई गांव में पानी का संकट है।

हिमाचल से लेकर उत्तराखंड और कश्मीर के कई इलाकों में तापमान माइनस में चला गया है। नए साल के काउंटडाउन के साथ दिल्ली की सर्दी ने भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। दिल्ली में आज (मंगलवार) 4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जबकि एक दिन पहले यानी सोमवार को पारा लुढ़कर 3.2 डिग्री तक जा पहुंचा था, जो इस सीजन का सबसे कम पारा रिकॉर्ड हुआ।





राजस्थान के कई जिलों में माइनस में पारा
पहाड़ों पर बर्फबारी का असर राजस्थान के मौसम पर भी दिखाई दे रहा है। चुरू, हनुमानगढ़, झुंझुनू और सीकर मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार के लिए भी शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। फतेहपुर शेखावाटी ने तो जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग को भी पीछे छोड़ दिया है। फतेहपुर में पारा माइनस 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

क्या है उत्तर भारत में अचानक ठंड बढ़ने का कारण?
विशेषज्ञों की मानें तो भारत में इस साल भीषण ठंड के पीछे एक वजह ‘ला नीना’ का प्रभाव है। अमेरिकन जियोसाइंस इंस्टिट्यूट के मुताबिक, अल नीनो और ला नीना शब्द का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है। इसका प्रभाव दुनिया भर में मौसम पर पड़ता है। सीधे शब्दों में समझा जाए, तो अल नीनो की वजह से तापमान गर्म होता है और ला नीना के कारण ठंडा। दोनों आमतौर पर 9-12 महीने तक रहते हैं, लेकिन असाधारण मामलों में कई वर्षों तक रह सकते हैं।

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