भोजपुरी और मगही भाषा झारखंड की नहीं बल्कि बिहार की है, हेमंत के इस बयान पर भड़के नीतीश कुमार
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के मगही और भोजपुरी (Magahi and Bhojpuri) वाले बयान को तूल नहीं दिया। नीतीश कहा कि बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) एक ही परिवार है। बिहार के लोगों को झारखंड से प्रेम है। हम तो झारखंड वालों को अपना ही मानते हैं। यदि किसी को ऐसी बातों से राजनीतिक लाभ होता है तो वो लें। बता दें, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने हाल ही में कथित तौर पर कहा था कि भोजपुरी में महिलाओं को गंदी-गंदी बातें कही जाती हैं। भोजपुरी और मगही भाषा झारखंड की नहीं बिहार की हैं। झारखंड का बिहारीकरण किया जा रहा है।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि झारखंड के लोग भी बिहार को सम्मान देते हैं। इसलिए जिनको इस बात का एहसास नहीं है वे ही इस तरह बात बोलते हैं। यह उपयुक्त नहीं है। जनता दरबार कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से मुख्यमंत्री बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि झारखंड 2000 में जब बिहार से अलग हुआ तो यहां के लोगों में मायूसी थी। पर, आज बिहारवासियों में इसको लेकर कोई उदासी नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों को भी बिहार के लोगों से प्रेम है मगर पता नहीं राजनीति के लिए लोग क्या बोलते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि यह बात समझ में नहीं आती
नीतीश कुमार ने एक बार फिर ऐलान किया कि राज्य में कोविड-19 टीकाकरण ()covid-19 vaccination कार्यक्रम के तहत 6 महीने के अंदर 6 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज लगा दी जाएगी। 21 जून को बिहार सरकार ने महत्वकांक्षी 6 महीने में 6 करोड़ लोगों को टीका लगाने का अभियान शुरू किया था. इसी को लेकर नीतीश कुमार ने एक बार फिर ये दोहराया है कि उनकी सरकार इस लक्ष्य को अवश्य पूरा करेगी।
सीएम नीतीश ने कहा कि हम लोग 6 महीने में 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाएंगे। प्रधानमंत्री (Prime minister) के जन्मदिन पर सरकार का लक्ष्य था कि 30 लाख लोगों को टीका लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि लक्ष्य से ज्यादा 33 लाख लोगों को टीका लगाया गया। नीतीश कुमार ने इस बात को लेकर भी खुशी जताई कि केंद्र सरकार की तरफ से बिहार को पर्याप्त मात्रा में कोरोना की वैक्सीन (corona vaccine) उपलब्ध कराई जा रही है ताकि वैक्सीनेशन कार्यक्रम बाधित ना हो।