प्रधानमंत्री बनते ही इतना बड़ा झूठ बोल दिया विक्रमसिंघे ने
कोलंबो । श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद को संभालने के बाद रोनिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने क्या झूठ बोला है? लगता तो ऐसा ही है विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को संसद को बताया कि सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का कोई आदेश रक्षा मंत्रालय को नहीं दिया गया था।
जबकि सच यह है कि श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने देश में चल रहे आर्थिक और राजनीतिक संकट को लेकर हिंसक विरोध के बीच थल सेना, वायु सेना और नौसेना के कर्मियों को सार्वजनिक संपत्ति लूटने या दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति पर गोली चलाने का 10 मई को आदेश दिया।
यह आदेश तब दिया गया, जब भीड़ ने राजपक्षे परिवार और उनके करीबी लोगों की संपत्ति पर हमला किया। पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahindra Rajpaksa) के करीबी लोगों की संपत्ति पर हमला उनके समर्थकों द्वारा कोलंबो (Colombo) में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद किया गया।
कोलंबो ‘गजट न्यूज पोर्टल’ के मुताबिक विक्रमसिंघे ने कहा कि लिखित में ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल कर सकती है और जरूरत पड़ने पर गोली भी चला सकती है। लेकिन इसके लिए प्रक्रियाओं का पालन करना होता है।
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह संसद के कुछ सदस्यों की संपत्ति पर हमला जरूर हुआ था, लेकिन देखते ही गोली मारने का आदेश जारी नहीं किया गया था।
हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि आगे हिंसा को रोकने के लिए देखते ही गोली मारने के आदेश दिया गया।
गॉल फेस में, जहां राष्ट्रपति सचिवालय स्थित है, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमले से हिंसा फैलने के बाद कोलंबो और देश के अन्य हिस्सों में पुलिस और सेना को तैनात किया गया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा यहां सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद हुई हिंसा में आठ से अधिक लोग मारे गए थे।
कोलंबो और देश के अन्य हिस्सों में हुई हिंसा में 250 से अधिक लोग घायल हुए।