भोपालमध्यप्रदेश

पीडब्ल्यूडी मंत्री का निर्देश: टाइम-लाइन का रखे ध्यान, विभाग के कामों में इस्तेमाल हो नई तकनीक

भोपाल। पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने बुधवार की देर रात पदभार ग्रहण करने के बाद गुरुवार को विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह, सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक अविनाश लवानिया और संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान मंत्री ने विभागीय अधकारियों को विभाग के कार्यों में नई तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ ही कई आवश्यक निर्देश दिए।

राकेश सिंह ने कहा है कि अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करें। कार्यों के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाएं और समय सीमा में उन्हें पूर्ण करें। गुणवत्ता के लिए क्वालिटी आॅडिट किया जाए और टाइम-लाइन का पूरा ध्यान रखा जाए। बड़ी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए अलग सेल गठित किया जाए। योजनाएं विधानसभावार बनाई जाए इसके लिए और विषय विशेषज्ञों की राय ली जाए। कार्यों में पारदर्शिता हो और जनता को इनकी पूरी जानकारी हो। विकास का लाभ पूरे प्रदेश को मिलना चाहिए।

एफडीआई तकनीक से सड़क बनाने की योजना
बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा नई तकनीक एफडीआई (फुल डेप्थ रीसाइकलिंग ट्रेन) तकनीकी से सड़क निर्माण कराए जाने की भी योजना है, जिसके अंतर्गत मौजूदा रोड को बिना हटाए उसके ऊपर ही कई मशीनों के द्वारा रीसाइक्लिंग सामग्री का उपयोग कर रोड निर्माण किया जाता है। इसमें समय की बचत के साथ ही साथ निर्माण लागत में 15 से 30% तक कमी आती है। इसी प्रकार जेट पेचर मशीन द्वारा सड़क की मरम्मत करने से बेहतर गुणवत्ता आती है और समय की बचत होती है।

मप्र में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बनेंगी 1 लाख किमी सड़कें
बैठक में यह भी बताया गया कि आने वाले 5 सालों में मध्य प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए एक लाख किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। इसके साथ ही 10000 करोड़ के निवेश से रोड मेंटेनेंस एंड डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। प्रदेश में 500 फ्लाईओवर एवं रेल ओवर ब्रिज का नेटवर्क विकसित किया जाएगा। वहीं सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख राज्य मार्गों को अपग्रेड किया जाएगा। प्रदेश में 6 एक्सप्रेस वे बनाए जाएंगे। भोपाल में वीआईपी रोड के समानांतर 8 लाइन एलिवेटेड लेक कॉरिडोर बनाया जाएगा। साथ ही पश्चिमी भोपाल बाईपास का निर्माण किया जाएगा। इन दोनों परियोजनाओं पर लगभग 3000 करोड़ का निवेश होगा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन में रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।

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