बिल्डर से ऐसे बने गुजरात के लीडर पटेल
राजनीतिक गहमागहमी और अटकलबाजियों के बीच कई बड़े नामों को पीछे छोड़ अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के नए मुख्यमंत्री चुने गए भूपेन्द्र रजनीकांत पटेल (Bhupendra Rajnikant Patel) पिछले चुनाव में जीत के बाद पहली बार ही विधान सभा में पहुंचे थे। पेशे से बिल्डर पटेल का जन्म अहमदाबाद में 15 जुलाई 1962 को हुआ था
भाजपा आलाकमान के चौकाने वाले फ़ैसले के बाद कई दिग्गज नामों की चर्चा के बीच ‘काले घोड़े’ बन कर राज्य के 17 वे मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे मृदुभाषी पटेल राज्य में दबंग माने जाने वाले पाटीदार समुदाय (Patidar Community)के एक जाने माने नाम हैं। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और अब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल (Anandi Ben Patel) का क़रीबी माना जाता है। उन्होंने 2017 के पिछले चुनाव में पाटीदार बहुल अहमदाबाद की उसी घाटलोडिया सीट (Ghatlodia Seat) से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था, जिस पर पहले श्रीमती पटेल लड़ती थीं। वह एक लाख से अधिक मतों के विशाल अंतर से जीते थे।
पेशे से बिल्डर पटेल का जन्म अहमदाबाद में 15 जुलाई 1962 को हुआ था। वह गुजरात की राजनीति में निर्णायक माने जाने वाले समुदायों में से एक पाटीदार समुदाय की कई बड़ी संस्थाओं से जुड़े रहे हैं। पटेल उस सरदारधाम ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं जिसके भवन का उद्घाटन अहमदाबाद में ऑनलाइन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किया था। उसी कार्यक्रम के बाद रूपाणी ने अचानक इस्तीफ़ा दे दिया था। वह ऐसी एक अन्य संस्था विश्व उमिया फ़ाउंडेशन की स्थायी समिति के भी अध्यक्ष हैं।
विधायक चुने के बाद उन्हें अहमदाबाद शहरी विकास सत्तामंडल (औडा) का अध्यक्ष भी बनाया गया था। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी हासिल किया था।