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बड़ा संकट: महराष्ट्र समेत तीन राज्यों में 20 थर्मल पावर स्टेशन हुए बंद, 64 पॉवर प्लांटों में सिर्फ चार दिन का बचा कोयला

नई दिल्ली। चीन (China) में गहराए बिजली संकट (power crisis) के बाद अब भारत (India) में भी बिजली संकट का खतरा मंडराने लगा है। देश में बिजली संकट के लिए सबसे बड़ा कारण कोयले की कमी बनी रही है। देश में कोयले से चलने वाले कुल 135 पावर प्लांट (power plant) हैं। सभी पावर प्लांट को कम-से-कम 20 दिनों का कोयला भंडार रखना होता है। लेकिन सितंबर-अक्टूबर में सभी पावर प्लांट के पास कोयले का भंडार घटकर चंद दिनों का रह गया। वहीं कोयले की कमी के कारण पंजाब (Punjab), केरल (Kerala) और महाराष्ट्र (Maharashtra) में 20 थर्मल पॉवर स्टेशन (thermal power station) बंद हो गए हैं।

संभावित बिजली संकट के डर से, कर्नाटक (Karnataka) और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से अपने राज्यों में कोयले की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया है। महाराष्ट्र के ऊर्जा विभाग ने नागरिकों से बिजली बचाने का आग्रह किया है। केरल सरकार ने भी चेतावनी दी है कि उन्हें लोड-शेडिंग का सहारा लेना पड़ सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया ताकि कोयले और गैस को बिजली की आपूर्ति करने वाले संयंत्रों की तरफ मोड़ा जा सके।

बता दें कि देश के 25 पावर प्लांटों में एक हफ्ते पहले सात दिन से भी कम का कोयला बचा था। वहीं 64 थर्मल पॉवर प्लांट ऐसे थे जिनमें सिर्फ चार दिनों का का ही कोयला बचा था। एक अक्टूबर, 2021 को खुद ऊर्जा मंत्रालय ने कहा था कि देश के 134 थर्मल पावर प्लांट के पास मात्र चार दिनों का औसत कोयला भंडार बचा है। जिससे बिजली का उत्पादन कम हुआ है। देश में कोयले की कमी का असर अब दिखाई पड़ने लगा है। झारखंड के बोकारो में चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट में कोल स्टॉक सुपर क्रिटिकल स्थिति में है. यहां महज तीन दिनों का स्टॉक बचा है।





मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा (Khandawa) में संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट (Sant Singaji Thermal Power Plant) समेत लगभग सभी पावर प्लांट्स में बिजली उत्पादन घटकर आधा रह गया है। एमपी के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने कहा, ”आप यह देखिए कि 135 थर्मल पावर में 75 में पांच से दस दिन का कोयला बचा है। जो देश में स्थिति वही मध्य प्रदेश में, लेकिन बेहतर स्थिति में है। लगभग हमने 45000 मीट्रिक टन स्टॉक किया है। कहीं पांच दिन, कहीं सात दिन, कहीं तीन दिन का कोयला है।

क्या बोले ऊर्जा मंत्री आरके सिंह?
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कोयले में कमी के दावे को खारिज कर दिया. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि बिजली का कोई संकट नहीं है और कोयले का पर्याप्त स्टॉक है। उन्होंने कहा कि मैंने बीएसईएस, एनटीपीसी और बिजली मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। मैं आपको बता रहा हूं कि कोई समस्या नहीं है। समस्या इसलिए शुरू हुई क्योंकि गेल ने दिल्ली डिस्कॉम को गैस आपूर्ति रोकने की बात कही थी और वह इसलिए क्योंकि गेल और दिल्ली डिस्कॉम का एग्रीमेंट खत्म हो रहा है। वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि कोयले की आपूर्ति एक दिन की बची है। एक महीने का नहीं तो 15 दिन का स्टॉक जरूर होना चाहिए।

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