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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: रक्षा कार्यालयों का उद्घाटन कर पीएम ने ली आलोचकों की खबर, बोले-फैलाया गया भ्रम

नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तहत बने नए रक्षा कार्यालयों (defense offices) का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज उद्घाटन किया। ये रक्षा कार्यालय दिल्ली के कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) और अफ्रीका एवेन्यू (Africa Avenue) में हैं। इस दौरान पीएम ने इस प्रोजेक्ट की आलोचना करने वालों की जमकर खबर ली। पीएम ने विपक्ष (Opposition) को घेरते हुए कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर कुछ लोगों ने बड़ा भ्रम फैलाने का काम किया है। मोदी ने आगे कहा कि आज पूरा देश देख रहा है कि इस प्रोजेक्ट के पीछे हम क्या कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हमें नए कार्यालयों को बनाने की जरूरत क्यों पड़ी।

पीएम ने आगे कहा कि ये नया डिफेंस आफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं (armies) के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है। 21वीं सदी के भारत की सैन्य ताकत को हर तरह से मजबूत बनाने में जुटे हैं। एक से एक आधुनिक हथियारों से लैस करने में जुटे है। ऐसे में देश की सुरक्षा से जुड़ा कामकाज दशकों पुराने परिसरों में हो वह कैसे संभव हो सकता है?

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इसे नए भारत की तरफ बढ़ता कदम बताया। मोदी ने कहा कि ये नए आफिस रक्षा मंत्रालय को ज्यादा मजबूत करेंगे. मोदी बोले कि मौजूदा दफ्तर काफी पुराने थे, जिनकी सिर्फ हल्की-फुलकी मरम्मत हो जाती थी। मोदी ने आगे कहा, ‘जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे इन प्रोजेक्ट पर बिल्कुल चुप रहते थे, जबकि ये भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा हैं।’ मोदी ने आगे कहा कि जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, वह 2014 के बाद शुरू हुआ था।

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने कामकाज की नई शैली अपनाई है। मुझे 2014 में आपने सेवा का मौका दिया था। मैं सरकार में आते ही संसद भवन (Parliament House) को बनाने का काम शुरू कर सकता था। लेकिन हमने यह रास्ता नहीं चुना। सबसे पहले हमने देश के लिए जान देने वालों के लिए स्मारक बनाना तय किया। आजादी के तुरंत बाद जो काम होना चाहिए था, उसे हम आज कर रहे हैं। देश के दफ्तरों को ठीक करने का बीड़ा उठाया। सबसे पहले हमने देश के शहीदों को सम्मान देने का काम किया।’





यह बोले रक्षा मंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले मंत्री हरदीप पुरी (Hardeep Puri) और राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने वहां संबोधन दिया। उन्होंने बताया कि मौजूदा आफिस जिस जगह हैं वह एक शताब्दी से पुराने हैं, जिनका बदला जाना जरूरी था। राजनाथ सिंह ने बताया कि ये बिल्डिंग्स जर्जर हो गई थीं, इसलिए नए आफिस जरूरी थे। उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत (CDS) और सशस्त्र बलों के प्रमुख शामिल रहे।

नई तकनीक से 24-30 महीने जल्दी खत्म हो पाया काम
नए रक्षा कार्यालय परिसर काफी एडवांस हैं। इन इमारतों की एक खासयित यह भी है कि इनके निर्माण में नई और टिकाऊ निर्माण तकनीक, लाइट गेज स्टील फ्रेम (LGSF) का इस्तेमाल हुआ है। इस तकनीक की वजह से पारंपरिक आरसीसी निर्माण की तुलना में निर्माण समय 24-30 महीने कम हो गया।

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