ताज़ा ख़बर

आंदोलन के बीच होली की तैयारियों में जुटे किसान, लगातार बॉर्डर पर किसानों की बढ़ रही सख्या

नई दिल्ली। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान होली की तैयारियों में जुटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि बीते डेढ़ महीने से बॉर्डर पर ही उन्होंने अपने सभी त्यौहार मनाए हैं। इसी प्रकार होली भी यहीं मनाई जाएगी। इसके तहत सभी तैयारी की जा रही है। भारतीय किसान यूनियन (युवा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गौरव टिकैत ने बताया कि इस बार देश की सबसे बड़ी ऐतिहासिक होली गाजीपुर बॉर्डर पर मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि कल बॉर्डर पर महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। यह पंचायत प्रति माह मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में आयोजित होती है, जो कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के द्वारा बुलाई जाती थी। वह पंचायत इस बार यहां गाजीपुर बॉर्डर पर होने जा रही है। अग्रिम रणनीतियां इस पंचायत में ही बनाई जाएगी।

बॉर्डर पर बढ़ रही संख्या
बीते कुछ दिनों से बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ रही है। हर गांव से किसानों से धरना स्थल पर आने का आह्वान किया जा रहा है। 23 मार्च को शहीदी दिवस मनाने के लिए युवाओं को बुलाया जा रहा है।

युवा सम्मेलन कर किसान प्रदर्शन को देंगे मजबूती
टीकरी बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने कहा है कि 21 से 23 मार्च के बीच पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के अलावा अलावा देश के दूसरे राज्यों में भी युवा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। युवाओं को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिये प्रेरित किया जाएगा। पंजाब की दाना मंडी में 21 मार्च को इसकी शुरूआत होगी। जिसके बाद अलग-अलग स्थानों पर किसान नेता युवाओं के बीच बैठक करेंगे।

दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले 111 दिनों से किसान अपनी मांगो को लेकर डटे हुए हैं। अपने आंदोलन को और मजबूत बनाने के लिए किसान नेता लगातार कुछ न कुछ आयोजन करते आ रहे हैं। भारती किसान यूनियन एकता उगराहां के नेता सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा है कि बिना युवाओं के इस आंदोलन को लंबे समय तक चलाना आसान नहीं होगा। इसलिए अलग-अलग राज्यों में अभियान चलाकर युवाओं को किसान आंदोलन में आने की अपील की जाएगी।

किसान चाहते हैं कि 23 मार्च तक दिल्ली के सभी किसान मोर्चों पर अधिक से अधिक युवक और युवतियां पहुंचे। इस सम्मेलन में अधिक से अधिक युवा जुड़ें, इसके लिए कई युवा किसान नेता लगातार काम कर रहे हैं। युवा किसानों के अलावा छात्रों के बीच भी पहुंचकर कृषि कानूनों की जानकारी साझा की जा रही है। युवाओं को यह बताया जा रहा है कि तीनों कृषि कानून केवल किसानों के लिये ही नहीं, बल्कि देश के सभी नागरिकों के लिये नुकसानदायक है।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button