नज़रिया

अफगान के हालात का गलत फायदा उठाएगा अल-कायदा !

अफगान (Afghanistan) में बहुत तेज़ी से बदलती स्थिति के मद्देनजर अमेरिका में बाइडन प्रशासन अल-कायदा (Al-qaeda) के फिर से सर उठाने की आशंका से निपटने के लिए योजना बना रहा है। ये ऐसे समय पर हो रहा है जब अमेरिका अपने देश में हिंसक चरमपंथ और रूस एवं चीन (Russia and China( की ओर से किए जाने वाले साइबर हमलों (Cyber Atttack) से निपटने की जद्दोजहद कर रहा है।

अल कायदा वही समूह है जिसने 11 सितंबर 2001 में अमेरिका (9/11 terrorist attack) पर हमला किया था जिसके बाद अमेरिका नीत नाटो (NATO) बलों ने उसका सफाया करने के लिए अफगानिस्तान युद्ध की शुरूआत की थी।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान (Taliban) के उभरने पर ट्रंप प्रशासन में आतंकवाद रोधी महकमे में वरिष्ठ निदेशक रहे क्रिस कोस्टा ने कहा, “ मेरे ख्याल में अल-कायदा के पास मौका है और वह उस अवसर का फायदा उठाएंगे।” उन्होंने कहा, “ यह (अफगानिस्तान में जो हुआ) हर जगह के जिहादियों को प्रेरित करने वाला घटनाक्रम है।”

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में चली 20 साल लंबी जंग में अल-कायदा काफी हद तक खत्म हो गया है और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि समूह के पास अमेरिका पर 2001 जैसा हमला फिर से करने की क्षमता है या नहीं। हालांकि अमेरिका ने 20 साल में निगरानी बढ़ाई है और अन्य सुरक्षात्मक उपाय किए हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nation Security Council) की जून की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि समूह के वरिष्ठ नेतृत्व अब भी अफगानिस्तान में है और उसके साथ सैकड़ों सशस्त्र कारिंदे हैं।

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन (Pentagon) के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने शुक्रवार को माना कि अल कायदा अफगानिस्तान में मौजूद है, लेकिन उसकी तादाद का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि देश में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की क्षमत घटी है।

अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (Islamic State) ने अमेरिकियों पर हमले किए है। तालिबान ने अतीत में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई लड़ी है लेकिन अब चिंता का सबब यह है कि अफगानिस्तान फिर से कई चरमपंथियों के लिए एक पनाहगाह हो सकता है जो अमेरिका और अन्य देशों पर हमले कर सकते हैं।

राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिका को दूर से ही आतंकवाद के खतरे का पता लगाने की क्षमता विकसित करनी होगी।

उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि बाइडन ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद रोधी क्षमताओं को उस हद तक मजबूत किया गया है जो जमीन पर मौजूदगी के बिना ही खतरे को कम कर दे।

उन्होंने कहा कि खुफिया समुदाय को विश्वास नहीं है कि अल-कायदा के पास वर्तमान में अमेरिका पर हमला करने की क्षमता है।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button