धर्म

8 साल के बच्चे को नदी में तैरता मिला ‘श्रीराम’ नाम लिखा पत्थर, श्रद्धालुओं की आस्था का बना केंद्र

त्रेता युग में लंका पर चढ़ाई के दौरान पुल बांधते समय नल और नील ने जब भगवान राम का नाम पत्थरों पर लिखा तो वो समुद्र में तैरने लगे थे। ऐसी बातें पुराणों में तो पढ़ने को मिलती हैं, लेकिन जब हकीकत में ऐसा हो तो उसे क्या कहेंगे, चमत्कार या कुछ और? ऐसा ही कुछ बिहार के भागलपुर में देखने को मिला है।

त्रेता युग में लंका पर चढ़ाई के दौरान पुल बांधते समय नल और नील ने जब भगवान राम का नाम पत्थरों पर लिखा तो वो समुद्र में तैरने लगे थे। ऐसी बातें पुराणों में तो पढ़ने को मिलती हैं, लेकिन जब हकीकत में ऐसा हो तो उसे क्या कहेंगे, चमत्कार या कुछ और? ऐसा ही कुछ बिहार के भागलपुर में देखने को मिला है।जहां एक आठ साल के बच्चे को नदी में श्रीराम लिखा हुआ पत्थर मिला है।जो पानी में तैर रहा था।दरअसल, खंजरपुर निवासी विजय कुमार पासवान के आठ वर्षीय पुत्र ब्रिगेडियर पासवान गाय का चारा लाने के लिए दियारा जा रहा था। इसी दौरान उसने धोबी घाट के समीप तैरते हुए एक पत्थर को देखा।जब बच्चे ने पत्थर को नजदीक जाकर देखा तो उस पर श्रीराम लिखा हुआ था।और पत्थर बहुत हल्का था।जिसके बाद बच्चा उस पत्थर को अपने घर ले आया।जिसे देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई।इतना ही नहीं पत्थर आस्था का केंद्र बन गया है।पत्थर पर श्रीराम लिखा हुआ देख लोगों ने पत्थऱ की पूजा-अर्चना करना भी शुरु कर दिया है।सभी लोग पत्थर को देख हैरान है। कोई उसे भगवान का चमत्कार मान रहा है, तो कोई कह रहा है कि ये भगवान श्रीराम की कृपा है।

यूपी में भी मिल चुके हैं तैरते हुए पत्थर

बिहार में ही नहीं यूपी में भी श्रीराम लिखे पत्थर नदी में तैरते हुए मिल चुके हैं। पिछली साल जुलाई में मैनपुरी की ईशन नदी में ‘राम’ नाम लिखा एक पत्थर मिला था। जो कौतूहल का विषय बन गया था।ग्रामीणों ने दावा किया था कि राम नाम लिखा यह पत्थर नदी में तैर रहा था, तभी चरवाहों की उस पर नजर पड़ गई। राम नाम लिखे इस पत्थर को देखकर ग्रामीण आस्था भाव से इसकी पूजा करने लगे थे। वही यूपी के ही कानपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही चमत्कार देखने को मिला था। जहां साल 2016 में ड्योढ़ी घाट हनुमान मंदिर के सामने गंगा नदी की धारा में तैरते पत्थर को देखकर लोगों की भीड़ लग गई थी। सूचना मिलते ही मंदिर के महंत श्री चैतन्य प्रकाश ब्रम्हचारी ने पुजारी अमित मिश्र को भेजकर पत्थर को परिसर स्थित मंदिर में रखवा दिया था। इस बात की सूचना भी जंगल में आग की तरह फैल गई और मंदिर में भक्तों का तांता लग गया।

जुलाई 2022 में मैनपुरी की ईशन नदी में मिला था ‘राम’ नाम लिखा ये पत्थर 

 

2016 में कानपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र में गंगा नदी में मिला था ये पत्थर

क्या कहते हैं इस बारे में वैज्ञानिक

हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक स्पंज के समान बहुत अधिक छिद्रों वाला खुरदरा पत्थर होता है। इसमें हवा भरी रहती है, बिल्कुल स्पंज के समान और इसी कारण इसका घनत्व पानी से कम होता है, जिसकी वजह से यह पानी पर तैरता है। यह तो हो गई वैज्ञानिकों की बातें, लेकिन श्रीराम लिखे हुए यह पत्थर लोगों की आस्था का केंद्र बन गये हैं।

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