कोविड मरीजों (Covid Patients) के शवों को फ्रिजर ट्रक (Fridge truck) में रखना पड़ा था। अब करीब एक साल बाद भी सैकड़ों शवों (Hundreds of dead bodies) को कफन नसीब नहीं हो पाया है और शव फ्रिजर ट्रकों में रखे हुए हैं।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona pandemic) की तबाही ने पूरी दुनिया (whole world) को हिलाया है और लाखों लोग इसकी बलि चढ़ गए हैं। इसका पीक समय दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय पर आया है। अमेरिका (America) के न्यूयॉर्क (New York) में ये पिछले साल आया था, तब हालात ये थे कि प्रशासन को कोविड मरीजों (Covid Patients) के शवों को फ्रिजर ट्रक (Fridge truck) में रखना पड़ा था। अब करीब एक साल बाद भी सैकड़ों शवों (Hundreds of dead bodies) को कफन नसीब नहीं हो पाया है और शव फ्रिजर ट्रकों में रखे हुए हैं। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट (Media report) के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन (Local administration) ने इस बात को माना है कि करीब 750 शव अभी भी स्टोर किए गए हैं, जबकि उनका दफन किया जाना बाकी है। अब धीरे-धीरे इन शवों को दफन करना शुरू किया जा रहा है।
न्यूयॉर्क शहर में स्थित हार्ट आइसलैंड सबसे बड़ा कब्रिस्तान है, जहां पर गरीबों या अनजान लोगों के शवों को दफनाया जाता है, अब जो शव दफन होने का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें भी यहां पर लाया जाएगा। अभी स्थानीय प्रशासन द्वारा इन मृत लोगों के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, पिछले साल मार्च-अप्रैल (March-April) में न्यूयॉर्क कोरोना वायरस (Corona virus) की सबसे बुरी मार झेल रहा था। ऐसे में तब लगातार लोगों की मौत हो रही थी, तब काफी शवों को स्टोर कर दिया गया था क्योंकि कई परिवार अपने परिजनों को सही तरीके से विदा करना चाहते थे।
अब करीब एक साल बाद अमेरिका कोरोना की मार से उबर रहा है, लेकिन अभी भी संकट बरकरार है और अमेरिका ही कोरोना की मार झेलने वाला सबसे बड़ा देश है। कोरोना के कारण अमेरिका में करीब 6 लाख मौतें दर्ज की गई हैं, जबकि वहां अभी भी 64 लाख एक्टिव केस हैं।