मध्यप्रदेश

मप्र में कोरोना: भोपाल, इंदौर,जबलपुर और ग्वालियर में ही 42% मामले, चारों जिलों में बढ़ेंगी सुविधाएं

  • शिवराज सरकार कमजोर वर्ग के 37 लाख परिवारों को 5 महीने का राशन फ्री देगी

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh)  में कोरोना (Corona) से मची तबाही के कारण राज्य में अब कोरोना संक्रमित (Corona infected) मरीजों का आंकड़ा एक लाख के पार हो गया है। यह आंकड़ा सिर्फ चार जिलों में सक्रिय मरीजों के कारण पहुंचा है। भोपाल (Bhopal), इंदौर (Indore), ग्वालियर (Gwalior)  और जबलपुर (Jabalpur) में ही 42% सक्रिय मरीज (42% active patients) हैं। इसको देखते हुए शिवराज सरकार (Shivraj government) ने इन चार बड़े जिलों में आईसीयू बेड (ICU Bed) की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस काम में प्राइवेट अस्पतालों (Private hospitals) की मदद ली जाएगी। इसके साथ ही कमजोर वर्ग (Weaker section) के करीब 37 लाख परिवारों (37 lakh families) को 5 महीने का राशन मुफ्त (Ration free) देने का फैसला भी लिया गया है। इससे पहले सरकार ने 3 महीने का राशन देने का निर्णय किया था।

कोरोना के मामलों को देखें तो 24 घंटे में चारों बड़े शहरों में एक्टिव केस (Active case) बढ़े हैं। नए मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले मरीज बहुत ही कम हैं। 24 घंटे में 2,513 मरीज रिकवर हुए हैं, जबकि 4,722 नए केस सामने आए हैं। भोपाल में लगातार दूसरे दिन एक्टिव केस बढ़े हैं। यहां अब 13,192 एक्टिव केस हो गए हैं। दो दिन पहले 10,829 थे। यहां नए केस 1,556 आए हैं, जबकि 1,302 लोग ठीक हुए हैं। 7 मरीजों ने जान गंवाई है।





इंदौर में 1,679 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 301 मरीज ठीक हुए हैं। 7 मरीजों ने दम तोड़ दिया। वहीं, ग्वालियर में 861 संक्रमित आए और 6 की मौत हुई है। जबकि 274 मरीज रिकवर भी हुए हैं। जबलपुर में कोरोना ने अब तक रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के नए संक्रमितों की संख्या 926 पहुंच गई, जबकि स्वस्थ्य होने वालों की संख्या 636 है। इसकी वजह से एक बार फिर एक्टिव केस 6,042 हो गए।

सीएम ने अफसरों से कहा- वेंटिलेटर बढ़ाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने शनिवार देर शाम कोरोना नियंत्रण (Corona control) के लिए गठित कोर ग्रुप (Core group) के अफसरों (Officers) के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड मरीजों (Covid Patients) के लिए आॅक्सीजन (Oxygen) और आईसीयू बेड (ICU Bed) की उपलब्धता 100% सुनिश्चित की जाए। प्रदेश के जिन प्रमुख अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जा सकती है, वहां कैपेसिटी के आधार पर बढ़ाएं। उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि अगर मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है तो उसे बेड मिलना ही चाहिए।

 

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72 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने बताया कि मरीजों से अनाप-शनाप बिल वसूलने की शिकायत मिलने पर प्रदेश के 72 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमें से 35 अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं ऐसे अस्पतालों से अब तक 15 लाख 97 हजार रुपए मरीजों के परिवार वालों को वापस दिलवाए गए हैं।

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