सीधी-खंडवा के 300 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में, शिवराज बोले- यह आत्माओं का है पवित्र बंधन
भारतीय संस्कृति में विवाह कोई समझौता नहीं, बल्कि आत्माओं का पवित्र बंधन है। बेटियां हमारे लिये देवियां हैं, उनका विवाह पवित्र संस्कार है। एक समय था जब बेटियों को दुनिया में आने से रोका जाता था और बेटियों का विवाह बोझ माना जाता था, आज स्थिति बदल गई है।
खंडवा। मुख्य्रमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सोमवार को सीधी और खंडला जिले के बालादी में सामूहिक विवाह सम्मेलन का अयोजन किया गया। इस सम्मेलन में करीब 300 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। सामूहिक विवाह सम्मेलन को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने बेटियों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि उनकी कामना है कि बेटियां सुखी, निरोगी और प्रसन्न रहें। विवाह से जुड़ रहे दोनों परिवार एक-दूसरे का गौरव और सम्मान बढ़ाने का कार्य करें।
उन्होंने कहा है कि भारतीय संस्कृति में विवाह कोई समझौता नहीं, बल्कि आत्माओं का पवित्र बंधन है। बेटियां हमारे लिये देवियां हैं, उनका विवाह पवित्र संस्कार है। एक समय था जब बेटियों को दुनिया में आने से रोका जाता था और बेटियों का विवाह बोझ माना जाता था, आज स्थिति बदल गई है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना से नवदम्पतियों को अपनी गृहस्थी चलाने में सहयोग मिल रहा है। राज्य सरकार ने सामग्री के स्थान पर राशि देने की व्यवस्था की है, जिससे नवदम्पति अपनी आवश्यकता के अनुकूल जरूरी सामान खरीद सकें।
बेटियों का विवाह उल्लास और आनंद का क्षण
सीएम ने कहा कि बेटियों के विवाह का क्षण उल्लास और आनंद का क्षण है। लाखों बेटियों का मामा होने के नाते मेरा प्रसन्न होना स्वाभाविक है। प्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से बहनों के खाते में हर महीने 1000 रूपए की राशि पहुंचाई जाएगी। बेटियों और बहनों के कल्याण के लिए ऐसी कई योजनाएँ संचालित हैं। सीएम ने दोनों जिलों में सामूहिक विवाह समारोह में उपस्थित जन-प्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन को उनकी सहभागिता और दिए जा रहे सहयोग के लिए बधाई दी।