रामनवमी पर हिंसा सुनियोजित साजिश! कोई भी यकीन नहीं करेगा कि गुजरात में मुसलमानों ने फेंके पत्थर: राउत का मोदी-शाह पर तंज
मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में लेख लिखकर विभिन्न राज्यों में रामनवमी पर हुई हिंसा की घटनाओं का जिक्र किया है। उन्होंने अपने लेख में गुजरात पर सबसे ज्यादा फोकस किया। संजय राउत ने लिखा, क्या कोई विश्वास कर सकता है कि मुसलमान गुजरात में रामनवमी जुलूस पर पत्थर फेंकेंगे, वो भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य में? अगर शिवसेना मुंबई में हिंदुत्व जुलूस का आयोजन करती है, तो उस पर कोई हमला नहीं होता है।
राउत ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा या उसकी बी-टीम इस तरह के जुलूस का आयोजन करती है, तो निश्चित रूप से ऐसी अप्रिय घटनाएं होंगी। ऐसा लगता है कि यह सब सुनियोजित होता है। राउत ने आगे लिखा कि लखा कि मध्य प्रदेश के खरगोन में जो हुआ उससे भगवान राम भी बेचैन होंगे। वहीं उन्होंने लेख में लाउडस्पीकर विवाद का भी जिक्र किया है। शिवसेना नेता ने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे की धमकी के बाद राज्य के हालात पर नजर है, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार को 3 मई तक मस्जिदों से सभी लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर मनसे ने हनुमान चालीसा का पाठ कराने की बात कही है।
जेएनयू की घटना का भी किया जिक्र
जेएनयू की घटना और रामनवमी के मौके पर हिंसा की अन्य घटनाओं के बारे में बात करते हुए राउत ने कहा कि यह देश के लिए अच्छा संकेत नहीं है। रामनवमी के जुलूस हमेशा से देश की संस्कृति का हिस्सा रहे हैं, लेकिन इससे पहले कभी भी भगवान राम के नाम पर तलवारें नहीं चलाई गईं। उन्होंने कहा, इसे हिंदुत्व नहीं कहा जा सकता। भगवान राम के नाम पर सांप्रदायिक आग लगाना राम के विचार का अपमान है।
पीएम पर भी उठाए सवाल
संजय राउत ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, ‘देश में माहौल बिगड़ रहा है। इस लेकर देश के 13 दलों ने चिंता जाहिर की है, लेकिन प्रधानंत्री इस पर मौन हैं। उन्होंने अभी तक इस पर कुछ भी नहीं कहा है। देश के प्रधानमंत्री को भी इस पर कुछ बोलना चाहिए. उन्हें लोगों के सामने आकर इस पर भी मन की बात बोलनी चाहिए।