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कैबिनेट विस्तार के बाद हरियाणा सरकार में घमासान: गृह मंत्रालय वापस मांगने से खफा हुए विज, कमल के मंत्रालय पर फंसा पेच

चंडीगढ़। हरियाणा (Haryana) में कल मंगलवार को मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कैबिनेट विस्तार (cabinet extension)किया था। जिसमें जजपा विधायक (JJP MLA) देवेन्द्र सिंह बबली (Devendra Singh Babli) और भाजपा विधायक (BJP MLA) डॉ. कमल गुप्ता (Dr. Kamal Gupta) को को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। देवेन्द्र सिंह बबली को विकास एवं पंचायत विभाग भी मिल गया है। जबकि डॉ. कमल गुप्ता के विभाग पर फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार के अंदर तनातनी शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक सीएम ने अनिल विज (Anil Vij) से गृह विभाग (home department) वापस मांग लिया है। इससे वह नाराज हो गए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह मंत्री अनिल विज शपथ समारोह से भी नदारद रहे थे। यह बात अब दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच गई है। वहीं बताया यह भी जा रहा है कि इस लड़ाई को खत्म करने के लिए हरियाणा भाजपा के प्रभारी विनोद तावडे (Haryana BJP in-charge Vinod Tawde) दिल्ली हाईकमान के आदेश पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज के बीच में तालमेल बैठाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। अनिल विज के पास स्वास्थ्य के अलावा गृह व शहरी निकाय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग है। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल फेरबदल में इन महकमों में से एक कमल गुप्ता को सौंपने की चर्चा है।

बता दें कि हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नाराज विधायकों और तमाम विवादों को निपटाने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार किया था, लेकिन इसके बाद से हरियाणा की राजनीति और गरमा गई है। अब मामला दिल्ली दरबार तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा कोटे से बने नए मंत्री कमल गुप्ता के लिए एक विभाग और अपने लिए गृह विभाग अनिल विज से मांग लिया था। इससे अनिल विज नाराज हो गए। फिलहाल विज चंडीगढ़ से अंबाला चले गए हैं।





अनिल विज ने साफ कर दिया है कि पिछले ढाई साल से मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनकी टीम उनके ऊपर लगातार गृह विभाग को छोड़ने का दबाव बना रही है और साथ ही गृह विभाग में लगातार दखलंदाजी करकर उन्हें स्वतंत्रता से काम भी नहीं करने दिया जा रहा है। विज ने साफ कर दिया है अगर मुख्यमंत्री को गृह विभाग या अन्य विभाग लेने हैं तो वो सभी विभागों को मुख्यमंत्री को सौंपने को तैयार हैं।

वहीं कमल गुप्ता पेशे से डॉक्टर रहे हैं, इसलिए उन्हें स्वास्थ्य दिए जाने की अटकलें जोरों पर हैं, जिससे विज नाखुश बताए जा रहे हैं। मामला पार्टी आलाकमान के पास भी पहुंचा है। मंगलवार को वह शाम पौने चार बजे सीएम निवास से निकले और फिर सचिवालय गए लेकिन राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे। मंत्री बनने के इच्छुक विधायक ने भी समारोह से दूरी बनाए रखी। सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन व भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला भी गैरहाजिर रहे। वहीं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह अंतिम मंत्रिमंडल विस्तार है। मंत्रिमंडल में 14 का कोटा पूरा हो गया।

कोई नाराजगी नहीं, कोविड के दौरान विज का प्रदर्शन सराहनीय: धनखड़
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार या महकमों के नए सिरे से बंटवारे को लेकर कोई नाराजगी नहीं है। कोविड के दौरान अनिल विज का कार्य सराहनीय रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से लड़ाई में उम्दा कार्य किया।

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