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कोर्ट ने बढ़ाई इस कांग्रेस विधायक की मुश्किलें, हत्या के आरोप में जा सकते हैं जेल

मुरैना। छह साल पहले हुई हत्या के मामले में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के संबलगढ़ से कांग्रेस विधायक वैजनाथ कुशवाहा (Congress MLA Vaijnath Kushwaha) समेत परिवार के सदस्यों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुरैना जिले की एक अदालत के आदेश के बाद विधायक और परिवार के सात सदस्यों पर हत्या का मुकदमा (murder case) दर्ज किया गया है। इसमें विधायक व उनके स्वजनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (arrest warrant) भी जारी हुआ है। विधायक ने सबलगढ़ कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है।

बता दें कि 50 वर्षीय बैजनाथ मुरैना के सबलगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 9,000 से अधिक मतों से जीते थे। छह साल पहले हुई हत्या (जब बैजनाथ कुशवाह विधायक नहीं थे) के मामले में कोर्ट ने यह फैसला 31 अगस्त को सुनाया है। हालांकि विधायक ने आरोपों का खंडन किया और मीडिया से कहा कि वह सत्र न्यायालय (sessions court) के इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे। कोर्ट ने विधायक को आठ अक्टूबर को अदालत में पेश होने को कहा है। इस आदेश के बाद प्रदेश की सियासत में भी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस विधायक को लेकर सवाल उठ रहे हैं।





बता दें कि 10 दिसंबर 2015 को विधायक बैजनाथ कुशवाह के छोटे भाई हरीसिंह कुशवाह की पत्नी अंगूरी कुशवाह का शव खेत में मिला था। मृतका अंगूरी के भाई गोरेलाल कुशवाह ने इसे लेकर सबलगढ़ कोर्ट में परिवाद पेश किया। इसमें कहा गया कि 50 वर्षीय विधायक बैजनाथ पुत्र पुन्नाराम कुशवाह, विधायक के बड़े भाई 53 वर्षीय दर्शनलाल कुशवाह, 60 वर्षीय लक्ष्मीनारायण कुशवाह, 45 वर्षीय छोटे भाई लाखन कुशवाह के अलावा परिवार के अन्य सदस्य 35 वर्षीय बदन सिंह पुत्र केदार सिंह कुशवाह, 40 वर्षीय त्रिवेणी पत्नी लाखन कुशवाह और 20 वर्षीय रेणू पत्नी वीरू कुशवाह ने मिलकर उसकी बहन अंगूरी की चरित्र संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर शव खेत के कुएं में फेंक दिया था।

क्या है मामला
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी राकेश कुमार गोयल (Judicial Magistrate First Class Rakesh Kumar Goel) ने गोरेलाल कुशवाह द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते शुक्रवार को आदेश जारी किया। गोरेलाल ने कोर्ट को याचिका के माध्यम से बताया था कि उनकी बहन अंगूरी की शादी बैजनाथ के छोटे भाई हरिसिंह से हुई थी। बहन का शव 10 दिसंबर 2015 को एक कुएं में मिला था. बैजनाथ तब विधायक नहीं थे। गोरेलाल ने आरोप लगाया कि अंगूरी की हत्या बैजनाथ, उनके बड़े भाई दरधनलाल और रिश्तेदारों लक्ष्मीनारायण, लखन, बदन सिंह, केदार सिंह, त्रिवेणी और रेणु ने की थी, जिन्होंने उस पर अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया था।

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