राजीव गांधी हत्या कांड की मुख्य दोषी नलिनी को बड़ी राहत: बीमार मां की गुजारिश पर मिली एक महीन की पैरोल
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड (Former Prime Minister Rajiv Gandhi Assassination) में दो दशकों से अधिक समय से उम्रकैद की सजा (life sentence) काट रही नलिनी श्रीहरन (Nalini Sriharan) को राज्य सरकार (State government) ने बड़ी राहत दी है। नलिनी श्रीहरन को उसकी बीमार मां के अनुरोध पर एक महीने की पैरोल (parole) दी है। इस बात की जानकारी राज्य सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) को दी है। इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने पिछले साल फरवरी में मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि राज्य ने राज्यपाल (Governor) को राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों (seven convicts) को रिहा करने की सिफारिश की थी।
नलिनी के अलावा मामले में 6 लोग दोषी ठहराए गए थे। दोषी लोगों में उनके पति मुरुगन, सुथिनथिरा राजा उर्फ संथान, एजी पेरारीवलन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन शामिल हैं। दोषियों में से चार- श्रीहरन, संथान, रॉबर्ट पायस और जयकुमार श्रीलंका (Sri Lanka) के नागरिक हैं। नलिनी ने पिछले साल अपने एक सह-कैदी के साथ कथित रूप से खुद को मारने की धमकी दी थी। आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी ने जेलर से इस बारे में शिकायत की।”
मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला
रिपोर्ट में कहा गया था, नलिनी और एक अन्य दोषी को वेल्लोर में महिलाओं के स्पेशल सेल (special cell) में रखा गया है। जेल में नलिनी ने एक बार खुदकुशी की भी कोशिश की थी, लेकिन उसकी साथी ने उसे यह करते हुए देख लिया था। उसने जेलर से इस बारे में शिकायत की थी। टाडा अदालत ने 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की हत्या में नलिनी और अन्य लोगों की भूमिका के लिए दोषी मानते हुए सभी को मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में इसे आजीवन कारावास बना में बदल दिया गया। आपको बता दें कि राजीव गांधी की एलटीटीई के आत्मघाती हमलावर ने चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी थी।