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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- वैक्सीन न हो बर्बाद, हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाना जरूरी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से बचाव करने के लिए हर्ड इम्यूनिटी पर जोर दिया जाना आवश्यक है। देश के कुछ हिस्से हर्ड इम्यूनिटी के करीब पहुंच चुके हैं, लेकिन अन्य स्थानों पर भी ध्यान देना जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन बर्बाद नहीं होनी चाहिए। हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाना जरूरी है।

अगर टीकाकरण की वर्तमान गति देखें तो 62 दिन में चार करोड़ तो 17 दिन में 1.87 करोड़ लोगों को टीका लगा है। ऐसे में देश की कुल आबादी का 65 से 70 फीसदी भी मानकर चलें तो इसे पूरा करने में कम से कम 10 वर्ष का समय लग जाएगा। इसीलिए मंत्रालय ने प्रभावित जिलों में अतिरिक्त वैक्सीन भेजने का निर्णय लिया है।

टीकाकरण पर पीएमओ की निगरानी आवश्यक
टीकाकरण के आंकड़ों का हवाला देते हुए जोधपुर स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी के पूर्व प्रोफेसर प्रो. रिजो एम जॉन ने बताया कदेश में पहले 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दिया जाना है। हालांकि अभी तक 63 दिन में चार करोड़ लोगों को वैक्सीन दिया जा चुका है। प्रो. जॉन का कहना है कि टीकाकरण पर पीएमओ से निगरानी आवश्यक है। ताकि इस पर अधिक ध्यान दिया जा सके।

टेस्ट, ट्रेस व उपचार के लिए प्रोटोकॉल का हो पालन
आईएमए कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबला करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शुक्रवार को सभी हितधारकों को आगे आने को कहा है। आईएमए ने कहा कि वे टेस्ट, ट्रेस और उपचार के लिए उपयुक्त प्रोटोकॉल का पालन करें। आईएमए ने बयान जारी कर लोगों को अवैज्ञानिक प्रचारित दवाओं और प्रक्रियाओं के झांसे में नहीं आना चाहिए।

दिल्ली हर्ड इम्यूनिटी के सबसे करीब
जानकारी के अनुसार देश के कुछ महानगरों में कराए गए सीरो सर्वे में यह पता चला है कि दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, हैदराबाद में करीब 40 से 50 फीसदी तक लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। वहीं राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो कुल आबादी का करीब सात से आठ फीसदी हिस्सा कोरोना संक्रमित होने की आशंका जताई जा चुकी है। मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो देश की राजधानी दिल्ली हर्ड इम्यूनिटी के सबसे ज्यादा नजदीक है क्योंकि यहां के सीरो सर्वे 56 से 60 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी विकसित होने की पुष्टि कर चुके हैं।

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