ताज़ा ख़बर

गुरु का टूटा गुरूर, अदालत पहुंचकर किया सरेंडर सिद्धू ने

पटियाला। अपनी बातचीत में ‘गुरु’ के संबोधन का लगातार इस्तेमाल करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के लिए इसे गुरूर टूटने वाली स्थिति कहा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 1988 के रोड रेज मामले में गुरुवार को सुनाई गयी एक साल की सजा के बाद सिद्धू ने शुक्रवार की शाम पटियाला की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। इससे पहले आत्मसमर्पण की  मोहलत को बढ़ाने की सिद्धू की कोशिश को सुप्रीम कोर्ट ने नाकाम कर दिया था।
इससे पहले सिद्धू की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से गुजारिश की थी कि सिद्धू को आत्मसमर्पण के लिए कुछ समय दिया जाए. सिंघवी ने इसके पीछे सिद्धू की तबियत खराब होने का हवाला दिया था. इससे पहले जस्टिस एएम खानविलकर ने सिद्धू को आवेदन दाखिल करने के लिए कहा था। हालांकि चीफ जस्टिस ने विशेष पीठ के गठन की मांग करने के लिए वकील द्वारा उल्लेख करने के आग्रह को ठुकरा दिया। इसके तहत तय हो गया था की अब नवजोत सिद्धू को आज ही समर्पण करना होगा।
सरेंडर करने जाने से पहले सिद्धू के पटियाला स्थित आवास पर समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा। पूर्व सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी भी सिद्धू से मिलने पहुंचे। वहीं प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने भी सिद्धू को फोन किया और कहा कि कांग्रेस आपके साथ है, आप स्ट्रांग रहिए।
सिद्धू ने पार्किंग विवाद को लेकर वर्ष 1988 में एक बुजुर्ग पर हमला किया था, जिसमें बुजुर्ग की मौत हो गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को 34 साल पुराने रोडरेज मामले में गुरुवार को एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिर्फ एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर सिद्धू को छोड़ दिया था। पर पीड़ित परिवार की पुनर्विचार याचिका के बाद अदालत ने अपना फैसला बदल दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button