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सिंहराज ने पैरालंपिक में दिलाया शूटिंग का दूसरा पदक 

तोक्यो। भारतीय निशानेबाज सिंहराज अडाना (Indian Shooter Singharaj Adhana) ने पैरालंपिक (Paralympic) खेलों में मंगलवार को यहां पी1 पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक (Bronze Medal) जीता जो इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में देश का दूसरा पदक है।

पोलियों से ग्रस्त होने वाले और पहली बार पैरालंपिक में भाग ले रहे 39 वर्षीय सिंहराज ने कुल 216.8 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने छठे स्थान पर रहकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनायी थी।

क्वालीफिकेशन में 575 अंक के साथ शीर्ष पर रहने वाले मनीष नरवाल (Manish Narwal) हालांकि फाइनल में सातवां स्थान ही हासिल कर पाये।

भारत का यह वर्तमान खेलों में निशानेबाजी में दूसरा पदक है। सोमवार को अवनि लेखरा (Avni Lekhra) ने आर-2 महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। अडाना के इस पदक से भारत की तोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympic) में पदकों की संख्या आठ पहुंच गयी है।

सिंहराज शीर्ष तीन में जगह बनाने के लिये शुरू से ही संघर्षरत थे। उनका 19वां शॉट सही नहीं लगा जिससे वह पिछड़ गये थे लेकिन उनका 20वां प्रयास अच्छा रहा जबकि इसमें चीन के झियालोंग लोउ 8.6 अंक ही बना पाये।

चीन (China) ने हालांकि फाइनल में दबदबा बनाये रखा। मौजूदा चैंपियन चाओ यांग (237.9 पैरालंपिक रिकार्ड) ने स्वर्ण और हुआंग झिंग (237.5) ने रजत पदक जीता।

सिंहराज 9.1 के स्कोर से चौथे स्थान पर खिसक गये थे लेकिन चीनी निशानेाबाज के खराब प्रदर्शन से वह फिर से तीसरे स्थान पर आ गये।

हरियाणा (Haryana) के बहादुरगढ़ के रहने वाले सिंहराज केवल चार साल पहले इस खेल से जुड़े। वह फरीदाबाद के सैनिक स्कूल के चेयरमैन भी रह चुके हैं। उनके दादाजी देश के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े रहे तथा दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना में कार्यरत थे।

सिंहराज ने यूएई के अल अईन में 2021 पैरा खेल विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर पैरालंपिक में जगह बनायी थी।

इस स्पर्धा में भाग लेने वाले एक अन्य भारतीय निशानेबाज दीपेंदर सिंह (Deependar Singh) फाइनल्स में जगह नहीं बना पाये और कुल 10वें स्थान पर रहे।

इससे पहले रूबिना फ्रांसिस (Rubina Francis) महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 के फाइनल में सातवें स्थान पर रही।

रूबिना ने असाका शूटिंग रेंज में फाइनल में 128.1 अंक बनाये। ईरान की सारेह जवानमार्दी ने 239.2 के विश्व रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। पिछला रिकार्ड (238.1) रूबिना के नाम पर था।

रूबिना ने फाइनल्स में पहली सीरीज में 6.6 का निराशाजनक प्रदर्शन किया जिसके बाद उनके लिये वापसी करना मुश्किल हो गया था। वह पहले चरण के बाद हालांकि 93.1 अंक के साथ चौथे स्थान पर थी।

भारतीय निशानेबाज ने वापसी की कोशिश की लेकिन शुरुआती गलती की भरपायी नहीं कर पायी और आठ महिलाओं के फाइनल से बाहर होने वाली दूसरी निशानेबाज बनी।

इससे पहले रूबिना ने क्वालीफिकेशन में 560 अंक बनाकर सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में जगह बनायी थी।

मध्यप्रदेश के जबलपुर (Jabalpur in Madhya Pradesh) की रहने वाली 22 वर्षीय रूबिना ने जून में पेरू के लीमा में विश्व कप में फाइनल्स में विश्व रिकार्ड बनाया था। रूबिना के पांव में जन्म से ही विकार है।

मई में वह राष्ट्रीय शिविर में कोविड-19 से संक्रमित हो गयी थी और लीमा विश्व कप से पहले उन्हें लगभग एक महीने तक अभ्यास का मौका नहीं मिला था। विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर ही उन्होंने तोक्यो पैरालंपिक के लिये कोटा हासिल किया था।

एसएच1 वर्ग में निशानेबाज एक हाथ से ही पिस्टल थामते हैं। उनके एक हाथ या पांव में विकार होता है। इसमें निशानेबाज नियमों के अनुसार बैठकर या खड़े होकर निशाना लगाते हैं।

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