ताज़ा ख़बर

सिंगापुर में बोले बिरला: भारतीय लोकतंत्र ने दुनिया के सामने पेश समावेशी विकास का एक आदर्श उदाहरण

सिंगापुर। तीन देशों की यात्रा पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रविवार को सिंगापुर पहुंचे। उनके साथ संसद का प्रतिनिधि मंडल भी गया है। सिंगापुर पहुंचे बिरला ने भारत सरकार द्वारा रक्षा और प्रोद्योगिकी क्षेत्र में नए अवसर पैदा किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र और इसकी संस्थाओं ने दुनिया के सामने समावेशी विकास का एक आदर्श उदाहरण पेश किया है। साथ ही भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए आजादी के 75 वर्षों में भारत में व्यापक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव से गुजरा है।

बिरला ने कहा, हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था और संस्थाओं ने पूरी दुनिया के सामने समावेशी विकास का एक आदर्श उदाहरण पेश किया है। हमारा लोकतंत्र दुनिया का सबसे पुराना और सबसे जीवंत लोकतंत्र है। ओम बिरला ने कहा, यह हमारी उपलब्धि है कि इतना विशाल और विविधतापूर्ण देश होने के बावजूद लोकतांत्रिक विचारधारा ने हमें एकजुट रखा है। आज देश के सभी हिस्सों के लोग, सभी भाषाओं के लोग राष्ट्र की सेवा में काम कर रहे हैं। वे ‘राष्ट्र पहले’ की भावना से राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं।





भारत सरकार की विभिन्न पहलों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली युवाओं और उद्यमियों की क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए ‘स्टार्ट अप इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्टैंड अप इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ जैसे अभियान शुरू किए गए हैं। भारत को पूरी दुनिया में सकारात्मक बदलाव के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है। वर्तमान युग भारत में सामाजिक-आर्थिक बदलाव का युग है, नवाचार का युग है। सिंगापुर में भारतीय समुदाय की भूमिका के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय भारत की पूर्व की ओर देखो नीति की प्रमुख ताकतों में से एक है।

ओम बिरला ने कहा, अपनी पूर्व की ओर देखो नीति के आधार पर हम दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए नीतिगत निर्णय ले रहे हैं। हमने पूर्वी क्षेत्र के देशों के साथ ऐतिहासिक रूप से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध साझा किए हैं। बौद्ध धर्म के रूप में हमारी एक साझा विरासत है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए खड़ा रहा है। मने हमेशा माना है कि वैश्विक समृद्धि और प्रगति तभी संभव है, जब हमारा अंतिम लक्ष्य शांति और स्थिरता हो और हम अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की नीति का पालन करें।

उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय देशों के बीच दूरी पाटने और द्विपक्षीय संबंध सुधारने में उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत और सिंगापुर का साझा परंपराओं, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, व्यापार और मैत्रीपूर्ण संबंधों का सदियों पुराना इतिहास है। दोनों देशों के मजबूत द्विपक्षीय संबंध लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग पर आधारित हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button