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दिग्गी का ट्वीट: कोवैक्सीन लगवाने वाले पीएम मोदी को अमेरिका ने कैसे दी छूट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को अमेरिका (America) जाने की इजाजत मिलने पर सवाल खड़े होने लगे हैं। पहले टीएमसी नेता रिजू दत्ता (TMC leader Riju Dutta) ने सवाल उठाया और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सवाल उठाया है। दिग्गी ने ट्वीट (Tweet) कर पूछा है कि कोरोना की कोवैक्सीन (Corona’s covaccine) को अमेरिका ने अपनी लिस्ट में शामिल किया है। ऐसे में कोवैक्सीन का टीका लगवाने वाले पीएम को अमेरिका में कैसे एंट्री मिल गई। उन्होंने आगे पूछा है कि क्या पीएम ने कोई और टीका लगावाया था जो उन्हें अमेरिका ने छूट दी है।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘यदि मुझे सही से याद है तो पीएम नरेंद्र मोदी ने कोवैक्सीन ली थी, जिसे अमेरिका की ओर से मंजूरी नहीं मिली है। या फिर उन्होंने इसके अलावा कोई और वैक्सीन भी ली है या अमेरिका के प्रशासन ने उन्हें छूट दी है? देश यह जानना चाहता है।’ दिग्गी से पहले टीएमसी नेता रिजू दत्ता ने भी ट्वीट कर सवाल उठाया था कि कोवैक्सीन लगवाने वाले पीएम मोदी अमेरिका ने कैसे अनुमति दे दी।

बता दें कि दिग्गी और दत्ता के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मारग्रेट अल्वा (Senior Congress leader Margaret Alva) के बेटे निखिल अल्वा ने भी इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने खुद भी कोवैक्सीन ही लगवाई है। निखिल अल्वा ने ट्वीट किया, ‘अपने प्रधानमंत्री की तरह मैंने भी आत्मनिर्भर कोवैक्सीन लगवाई है। अब मैं ईरान, नेपाल और कुछ अन्य देशों को छोड़कर दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में नहीं जा सकता है। लेकिन मुझे यह जानकर हैरानी हो रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी को अमेरिका जाने की अनुमति मिल गई है, जो कोवैक्सीन को मान्यता ही नहीं देता है।





कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ ने भी नहीं दी है मान्यता
बता दें, भारत में निर्मित कोवैक्सीन को अभी तक न तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी मान्यता दी है और न ही अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration) की ओर से इसे मान्यता मिली है। हालांकि, कोवैक्सीन को मान्यता देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से पांच अक्टूबर को एक बैठक प्रस्तावित है।

यह भी सवाल
भले ही विदेशी दौरों में राजनयिकों को विशेष रियायत दी जाती हो, लेकिन सवाल उन आम नागरिकों को लेकर है जिन्होंने कोवैक्सीन के दोनों डोज ले लिए हैं। अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाली एक भारतीय महिला ने बताया कि उन्हें वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में कोर्स मिल गया है। लेकिन समस्या यह है कि उन्होंने कोवैक्सीन के दोनों डोज लिए हैं, जिसे अमेरिका में मान्यता नहीं है। ऐसे में वह अमेरिका जा पाएंगी या नहीं इसको लेकर सवाल खड़ा है।

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