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ओबीसी आरक्षण पर सरकार को मिलेगा विपक्ष का साथ, आज सदन में पेश होगा यह अहम बिल

नई दिल्ली। संसद (Parliament) का मानसून सत्र (monsoon session) विपक्ष के हंगामे और शोर-शराबे के बीच अब समाप्ति की ओर बढ़ गया है और आज से अंतिम सप्ताह की कार्यवाही सदन में शुरू हो गई है। इस दौरान मोदी सरकार (Modi government) अपने कई अहम बिलों को सदन में पेश करेगी। इनमें सबसे ऊपर ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक (Constitution Amendment Bill) है। केंद्र सरकार इस विधेयक को आज लोकसभा में पेश करेगी और अब विपक्षी पार्टी कांग्रेस (opposition party congress) ने भी ऐलान किया है कि वह इस बिल के समर्थन में है।

ज्ञात हो कि अगर ओबीसी बिल सदन में पारित हो जाता है तो एक बार फिर से राज्यों को OBC सूची में किसी जाति को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार (Dr. Virendra Kumar) लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश करेंगे। इसके साथ ही लोकसभा में 6 विधेयक और रखे जाएंगे।

इस बीच राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Leader of Opposition Mallikarjun Kharge) ने आज कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां 127वें संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करने को तैयार है। उन्होंने संसद भवन में आज हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद यह जानकारी दी। खड़गे ने बताया कि इस बैठक में विपक्षी पार्टियों ने सरकार के साथ सहयोग करने का फैसला किया है।





सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद विधेयक पेश
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की दखल के बाद यह बिल संसद में पेश किया जाएगा। मई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केवल केंद्र को ये अधिकार है कि वह ओबीसी समुदाय (OBC community) से जुड़ी लिस्ट तैयार कर सके। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इसपर आपत्ति जाहिर की गई थी, इसी के बाद अब केंद्र सरकार संविधान संशोधन बिल लाकर इसे कानूनी रूप देना चाहती है।

संशोधन विधेयक पास होने से क्या होगा असर?
संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी (Article 342-A and 366(26)C) के संशोधन पर अगर मुहर लग जाती है तो इसके बाद राज्यों के पास OBC सूची में अपनी मर्जी से जातियों को अधिसूचित करने का अधिकार होगा। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय (Maratha community), हरियाणा में जाट समुदाय (Jat community), गुजरात में पटेल समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय (Lingayat community) को ओबीसी वर्ग में शामिल होने का मौका मिल सकता है। लंबे समय से ये जातियां आरक्षण की मांग कर रही हैं। इनमें से मराठा समुदाय को महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस सरकार ने आरक्षण दिया भी था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को दिए फैसले में इसे खारिज कर दिया था।

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