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महंत की मौत का मामला: सुसाइड नोट में आनंद गिरी समेत तीन को ठहराया मौत का जिम्मेदार

नई दिल्ली। निरंजनी अखाड़े (Niranjani Akhara) के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (President Narendra Giri) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत (death under suspicious circumstances) के बाद मामला लगातार उलझता ही जा रहा है। इस बीच उनका एक 8 पेज का सुसाइड नोट (8 page suicide note) भी सामने आ गया है। अपने लिखे सुसाइट नोट में उन्होंने आनंद गिरि (Anand Giri), लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी अद्या तिवारी (Adya Tiwari), संदीप तिवारी (Sandeep Tiwari) को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है। हालांकि इन तीनों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।

सुसाइड नोट पर लिखी तारीख, काला और नीला दो रंग के पेन का इस्तेमाल, हर पेज पर महंत नरेंद्र गिरि का हस्ताक्षर और हर पेज पर शुरूआत में अपना परिचय देना, जैसी बातें कई सवाल खड़े कर रही हैं। हर पेज पर किया गया हस्ताक्षर इसलिए भी सवाल खड़े कर रहा है क्योंकि कहीं महंत नरेंद्र गिरि लिखा है कहीं म नरेंद्र गिरि। फिलहाल आला अधिकारियों की टीम के साथ ही SIT ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

साथ ही उन्होंने सुसाइट नोट में कई अहम बातों का उल्लेख किया है। सुसाइड नोट (Suicide note) में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है कि मैं महंत नरेंद्र गिरि आज आनंद गिरि के कारण बहुत विचलित हो गया। आज हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन में आनंदगिरी मोबाइल (mobile) के माध्यम से किसी छोटी महिला या लड़की (little lady or girl) के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल (Photo Viral) कर देगा। मैं महंत नरेंद्र गिरि बदनामी के डर से कहां-कहां सफाई देता रहूंगा। मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, तो बदनामी में कैसे जी पाऊंगा। इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।

8 पेज के इस सुसाइड नोट के पेज 2 पर लिखा है कि मैं आत्महत्या (suicide) करने जा रहा हूं। महंत नरेंद्र गिरि ने अपने आखिरी खत में लिखा है कि उनकी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी की है। पुलिस अधिकारियों से मैं अनुरोध करता हूं कि इन पर एक्शन लिया जाए। मेरी हत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। ताकि मेरी आत्मा को शांति मिले। एक पेज पर महंत ने लिखा कि मैं नरेंद्र गिरी, वैसे तो, 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। मंहत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट के हर पन्ने पर नीचे अपना नाम, तारीख लिखते हुए हस्ताक्षर किए है। साथ ही हर पेज पर ऊं नमो: नारायण भी लिखा है।

सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को सौंपी मठ और मंदिर की व्यवस्था
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को मठ और मंदिर की व्यवस्था देखने को कहा है। उन्होंने लिखा है, प्रिय बलवीर गिरि मठ (Balveer Giri Math), मंदिर की व्यवस्था का प्रयास करना, जिस तरह से मैंने किया। इसी तरह से करना। नितेश गिरी एवं मणि सभी महात्मा बलवीर गिरि का सहयोग करना। परमपूज्य महंत हरिगोविंद गिरि (Param Pujya Mahant Harigovind Giri) एवं सभी से निवेदन है कि मढ़ी का महंत बलवीर गिरि को बनाना। महंत रविंद्र पुरी जी (सजावट मढ़ी) आपने हमेशा साथ दिया। मेरे मरने के बाद बलवीर गिरि का ध्यान दीजिएगा। सभी को ओम नमो नारायण।

आगे पेज पर उन्होंने लिखा है कि सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चल जाएगी लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा. इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि. अद्या प्रसाद तिवारी और उनके लड़के संदीप तिवारी की होगी। इस सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने एक ही बात को कई बार रिपीट किया है। लेकिन पूरे सुसाइड नोट में उन्होंने आनंद गिरि, अद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी की तरफ ही इशारा किया है। पुलिस इन तीनों को गिरफ्तार कर चुकी है. अब सबसे पूछताछ की जा रही है।

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