टल गयी श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले की सुनवाई, यह है वजह
मथुरा (उप्र) वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Maszid) को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच मथुरा जिले की अदालत में चल रहे श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Sri Krishn Janmbhoomi)-शाही ईदगाह प्रकरण में एक और वाद दायर किया गया है। अधिवक्ताओं द्वारा कार्य बहिष्कार घोषित किए जाने से शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई न हो सकी और अदालत ने अब इस पर 20 जुलाई को सुनवाई करने का निर्णय किया है।
वादी पक्ष के अधिवक्ता दीपक देवकीनन्दन शर्मा ने शनिवार को बताया कि नागा बाबा के शिष्य गोपाल गिरि द्वारा फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश नीरज गौड़ की अदालत में दाखिल किए गए वाद पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण सुनवाई न हो सकी। अदालत द्वारा प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया, गोपाल गिरि ने ठाकुरजी के भक्त के रूप में दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) में वाद दायर किया था। इसमें उनके द्वारा श्री कृष्ण जन्मस्थान संबंधी 13.37 एकड़ जमीन के संबंध में पूर्व में हुए समझौते व डिक्री को चुनौती दी गई है।
उन्होंने कहा कि इस वाद में भी अन्य के समान ही उप्र सुन्नी सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड, शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। अब यह मामला 20 जुलाई को सुनवाई के लिए पेश किया जाएगा।
यह मांग की है याचिका में
एडवोकेट रंजना सहित 6 लोगों की तरफ से दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि श्रीकृष्ण विराजमान की 13.37 एकड़ जमीन है। इस भूमि में से करीब 11 एकड़ पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर बना है, जबकि 2.37 एकड़ जमीन पर शाही ईदगाह मस्जिद है। 2.37 एकड़ जमीन को मुक्त कराकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शामिल किया जाए। इसके अलावा 1968 में हुए समझौते को भी रद्द करने की मांग की गई है। याचिका दायर करने वाले लोगों का कहना है कि इस मामले में संस्थान को समझौता करने का अधिकार ही नहीं है, जबकि जमीन ठाकुर विराजमान केशव कटरा मंदिर के नाम से है।