अनोखी प्रतियोगिता: शौच के लिए खुले में न जाए बहुएं, इसलिए सासों ने लोटा लेकर लगाई दौड़, जानें पूरा मामला
भोपाल। भारत (Indina) के ग्रामीण इलाकों (Rural areas) में शौचालय (toilet) न होने के कारण महिलाओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था। अक्सर महिलाओं (women) को भोर और शाम होने का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन सरकार स्वच्छ भारत अभियान (Clean India Movement) के तकत घर-घर शौचालय बनाने का बीड़ा उठा लिया है। इस बीच भोपाल (Bhopal) के फंदा गांव (Fanda village) में एक अनोखी दौड़ प्रतियागिता (unique race competition) हुई। बहुओं (daughter-in-law) को समझाने के लिए भोपाल के फंदा गांव में 18 सासों ने लोटा लेकर दौड़ लगाई ताकि बहुएं और अन्य लोग समझ सकें कि खुले में शौच करने से इज्जत को तो खतरा है ही, बीमारियां भी होती हैं।
भोपाल के फंदा कलां की महिलाओं जिनमें सास-बहू और बेटियां (Mother-in-law and daughters) एक मैदान पर सज-धजकर पहुंची थीं। मगर उनके हाथो में लोटे थे। ये लोटे उनकी उस मजबूरी का प्रतीक थे जिनको लेकर वे अंधेरे का इंतजार करती थीं। मगर सजी-धजी महिलाओं के हाथों में इन लौटों को देकर प्रशासन उनकी दौड़ प्रतियोगिता करा रहा था क्योंकि शौचालय बनाने के प्रति गांव के लोगों में जागरूकता (Awareness) पैदा करना थी। बता दें कि घरों में शौचालय बनने के बाद सासों ने खुले में जाना तो बंद कर दिया है लेकिन कई घरों में बहुएं अभी भी खुले में शौच के लिए जाती हैं।
दौड़ने वाली महिलाओं में 50 से 60 साल उम्र की बुजुर्ग सास थीं और दर्शक उनकी बहुएं थीं। 50 मीटर दौड़ने के बाद सास ने विनिंग प्वाइंट पर पानी से भरा लोटा फेंका और संदेश दिया कि बहुएं जिंदगी भर खुले में शौच न जाएं और घर पर बने शौचालय में ही शौच करें। सास महिलाओं ने कहा कि हम तो जिंदगी भर शौच के लिए जंगल और खेतों में भागते रहे, बहुएं ऐसा न करें।
हालांकि इस दौड़ में जीतने वाली को प्रशासन ने इनाम भी दिए। प्रतियोगिता में महिलाएं हाथों में लोटे लेकर दौड़ीं। शौच के लिए लोटे दौड़ने में भले ही उन्हें पहले शर्म आती थी लेकिन इस दौड़ में विजेता बनने पर वे गौरवांवित महसूस करती दिखीं। जिला पंचायत के सीईओ विकास मिश्रा ने उनके पैर पूजकर उनका आशीर्वाद लिया। अनूठी दौड़ प्रतियोगिता में पहले स्थान पर राधा प्रजापति रहीं। जबकि दूसरे स्थान पर मंजू और तीसरे स्थान पर अर्पिता प्रजापति रहीं। इन सभी को उनकी बहुओं ने ही फूल माला और मेडल पहनाएं।