मध्यप्रदेश

परशुराम जयंती पर शिवराज की बड़ी घोषणा: परशुराम के जीवन और विचारों के बारे में पढ़ेंगे मप्र के छात्र, कोर्स में होगा शामिल

भोपाल । मप्र सरकार भगवान परशुराम के दुष्टों के विनाश और सज्जनों के उद्धार के संकल्प के अनुसार ही कार्य कर रही है। आज जब मासूम बेटियों के साथ कोई दुराचार करता है तो भगवान परशुराम जी हमारे प्रेरणा स्रोत बनते हैं। भगवान परशुराम का जन्म उस समय हुआ, जब समाज में पाप बढ़ रहे थे। भगवान परशुराम ने अतताईयों को नष्ट किया और सज्जनों को प्रतिष्ठापित किया। भगवान परशुराम ने सत्य और धर्म की स्थापना की। उन्होंने दुष्टों का अंत और मानवता की रक्षा का महायज्ञ आरंभ किया। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अक्षय तृतीया पर लालघाटी में भगवान परशुराम की 21 फीट की प्रतिमा स्थापना के दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

कार्यक्रम में शिवराज ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम के जीवन और विचारों पर एक अध्याय शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पाठ्यक्रम समिति को निर्देश देंगे कि परशुराम चरित्र का पाठ कोर्स में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा छूट नहीं सकती, लेकिन राजधर्म जरूरी है इसलिए समाज कल्याण के लिए संस्कृत के विद्वान जरूरी हैं। सरकार संस्कृत शिक्षकों की लगातार भर्ती कर रही है। संस्कृत की पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाएगी।

संस्कृत की पढ़ाई करने वाले सभी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाएगी। उन्होंने कहा कि संस्कृति पढ़ाने के लिए संस्कृत शिक्षकों की भर्ती शुरू की गई है। अब तक 1900 पद भर लिए गए हैं, यह क्रम निरंतर जारी रहेगा। जब तक सभी पद भर नहीं जाते तब तक अतिरिक्त शिक्षकों को रखा जाएगा। ऐसे मंदिर जिनके साथ जमीनें संबद्ध नहीं हैं उन मंदिरों के पुजारियों को 5 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। जिन मंदिरों के साथ भूमि संबद्ध है उनके पुजारियों के लिए भी मानदेय की व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंदिरों से संबद्ध भूमि की व्यवस्था पुजारियों द्वारा ही की जाएगी। यह आवश्यक है कि देवस्थानों से संबद्ध भूमि की बिक्री न हो। यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य शासन द्वारा समिति का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संस्कृत पढ़ने वाले बालकों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि भगवान परशुराम के अवतरण स्थल जानापाव के सुव्यवस्थित विकास का कार्य जारी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एक जून को होने वाले भोपाल के गौरव दिवस में भोपालवासियों से उत्साह और उल्लास के साथ शामिल होने का आव्हान किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अक्षय तृतीय के अवसर पर विवाह बंधन में बंध रहे नवयुगलों को बधाई और शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आचार्य महामण्लेश्वर जूनापीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज के भोपाल प्रवास और उनके मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button