मध्यप्रदेश

जल जीवन मिशन योजना में अव्वल मप्र: शिवराज बोले-जहां जल स्रोत सफल नहीं वहां पाइप लाइन बिछाना भ्रष्टाचार, होगी कार्रवाई

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) बीते कुछ दिनों से मंत्रियों के विभागों की समीक्षा करने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (Public Health Engineering Department) की समीक्षा की। इस बीच CM ने कहा कि प्रदेश की शहरी और ग्रामीण आबादी (urban and rural population) को स्वच्छ पेयजल (clean drinking water) उपलब्ध करवाने के कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश (Atm-nirbhar madhyapradesh) के लिए निर्मित रोडमैप में निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रदेश में समस्त नलजल योजनाओं के कार्य सम्पन्न हों। इस दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव (Brijendra Singh Yadav), मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि ऐसे स्थान जहां जल स्रोत सफल नहीं हैं, वहां पाइप लाइन स्थापित करना अनियमितता है। ऐसे प्रकरणों में दण्डात्मक कार्यवाही (penal action) की जाएगी। विभाग के अभियंता अपने कार्यक्षेत्र में नियमित भ्रमण भी करें। योजनाओं के क्रियान्वयन की सतत समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के बेहतर संधारण के लिए ग्राम इंजीनियर पदस्थ किए जाएं। उन्होंने वृहद परियोजना के कार्यों में समय पर कार्यों की पूर्णता के लिए संबंधित एजेंसी और अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।

वहीं उन्होंने कहा कि विलंब से होने वाले कार्यों पर जिम्मेदारी तय कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे। नलजल योजनाओं का कार्य पूर्ण होने पर ग्रामों में विशेष ग्राम सभा आयोजित कर ग्राम को हर घर जल श्रेणी का ग्राम घोषित किया जाएगा। योजना के निर्माण कार्य पूरे होने पर संबंधित पंचायत को योजना हस्तांतरित की जाएगी। ग्राम जल और स्वच्छता समिति के पदाधिकारी ग्रामवासियों से जन-संवाद भी करेंगे।

मध्यप्रदेश है सबसे आगे
भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना में वित्त वर्ष 2021-22 में केन्द्रांश- राज्यांश की राशि के व्यय में मध्यप्रदेश 2,790 करोड़ की राशि का उपयोग कर प्रथम स्थान पर है। हर घर जल उपलब्ध करवाने में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां 4,019 ग्राम में यह सुविधा दिलवाई जा चुकी है। प्रदेश में मई 2020 से वर्तमान तक 27 लाख 65 हजार परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया गया है। इस अवधि में प्रदेश में नल से जल का प्रतिशत 14.5 से बढ़ाकर 37.10 प्रतिशत तक पहुँचाया गया। मध्यप्रदेश अकेला ऐसा राज्य है जहाँ समस्त जिला स्तरीय पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाएँ एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एण्ड कैलिब्रेशन लेबोरेट्रीज) प्रमाणित हैं। मिशन से तेजी से क्रियान्वय के लिए प्रदेश के बजट में वर्ष 2020-21 में इस कार्य के लिए तीन गुना अधिक राशि दी गई। चालू वित्त वर्ष में देश में मध्यप्रदेश को सबसे पहले प्रथम किश्त की द्वितीय ट्रांच राशि 1247 करोड़ प्राप्त हुई है।

सीएम ने यह भी दिए निर्देश

  • लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अभियंता नियमित दौरे करें, रिपोर्ट भी दें।
  • पूर्ण योजनाओं का विधिवत लोकार्पण हो,आमजन को जानकारी मिले।जागरूकता भी बढ़ेगी।
  • बड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के कार्य समय पर पूरा करने वालों को प्रोत्साहन दिया जाए ।
  • क्रियान्वयन में देर के लिए दोषी दण्डित होंगे।
  • लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्रामों में पूर्ण पेयजल योजना पंचायत को विधिवत सौंपी जाए।

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