मध्यप्रदेश

कारम डैम को लेकर गोविंद ने शिवराज पर लगाया बड़ा गंभीर आरोप, जानें क्या-क्या कहा

भोपाल। धार जिले के कारम नदी में बन रहे डैम के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद कांग्रेस शिवराज सरकार पर लगातार हमलावर है और गंभीर आरोप लगा रही है। इसी कड़ी में कल मंगलवार को मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार को घेरा था। वहीं आज बुधवार को नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने तीखा हमला बोला है। गोविंद सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कारम बांध का टूटना सीधे-सीधे शिवराज सिंह चौहान सरकार के भ्रष्टाचार का परिणाम है। इस बांध के निर्माण का मामला शिवराज सरकार के ई-टेंडर घोटाले से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि कागजों पर इस बांध के निर्माण का ठेका दिल्ली की एएनएस कंपनी को दिया गया, लेकिन जमीन पर काम सारथी कंस्ट्रक्शन नामक दूसरी कंपनी कर रही थी। सारथी कंस्ट्रक्शन को 2018 में ही ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका था। एएनएस कंपनी भी 2016-17 में ब्लैक लिस्टेड की जा चुकी थी। ऐसी ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को काम किसके इशारे पर दिया गया? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी तो पता चलेगा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर्दे के पीछे से इस घोटाले में पूरी तरह से जुड़े हुए हैं।

सीएम से जुड़े लोग इस परियोजना में थे पार्टनर
उन्होंने आगे कहा कि मैं किसी का नाम लेना नहीं चाहता, लेकिन आप पता करिए कि मुख्यमंत्री से सीधे जुड़े कुछ लोग इस परियोजना में बिजनेस पार्टनर थे या नहीं? उन्होंने पूछा कि हम बांध निर्माण के बारे में मुख्यमंत्री से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं। क्या बांध के डिजाइन को सक्षम अथॉरिटी से मंजूरी मिल गई थी? क्या सरकार ने ठेकेदार की क्षमता और मशीनरी का पूरा अध्ययन कर लिया था? क्या बांध स्थल की मिट्टी की नियम पूर्वक जांच कर ली गई थी। क्या भराव से पहले मिट्टी की जांच कर ली गई थी? बांध को बंद करने का आदेश कब और किसने दिया? इन सारे सवालों का मुख्यमंत्री सीधा जवाब जनता को दें, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।

चंबल माइक्रो इरिगेशन योजना में भी हुआ घोटाला
वहीं गोविंद सिंह ने कहा कि शिवपुर जिले की चंबल माइक्रो इरिगेशन योजना में भी घोटाला सामने आया है। इस योजना पर 160 करोड रुपए खर्च किए जा चुके हैं लेकिन इस योजना से अब तक कोई सिंचाई नहीं हो रही है। इसकी मुख्य वजह है कि योजना का डिजाइन मनमाने ढंग से बदल दिया गया और जो पाइप डाले गए वह भी घटिया क्वालिटी के थे। इस योजना से सिंचाई नहीं हो रही है, लेकिन विधानसभा में मुख्य अभियंता यमुना कछार ग्वालियर द्वारा झूठी जानकारी दी गई। पिछले साल बाढ़ की स्थिति बनने के बाद मुख्य अभियंता ग्वालियर को 100 करोड रुपए का बजट अलग से कार्य करने के लिए दिया गया था। लेकिन 80 प्रतिशत बजट पुराने कामों में खर्च हुआ दिखा दिया गया है।

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