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मुलायम के कुनबे में कलह: अब भाजपा की मदद से विस उपाध्यक्ष बनेंगे शिवपाल, अटकलें तेज

लखनऊ। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कुनबे में एक बार फिर कलह खुलकर सामने आ गई है। यहीं नहीं अखिलेश यादव से नाराज चल रहे उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव का भगवा रंग की ओर रूझान भी बढ़ने लगा है। पिछले दिनों केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी हुई मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे है कि शिवपाल भाजपा में शामिल हो सकते हैं। भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकियों की खबरों के यह भी खबर आ रही है कि भाजपा की मदद से उन्हें विधानसभा में उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।

पीएसपीएल के प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने कहा, राजनीति में संभावनाओं के द्वार कभी बंद नहीं होते। शिवपाल जी एक अनुभवी विधायक हैं और राज्­य सरकार में मंत्री रहने के साथ ही वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका का निर्वाह भी कर चुके हैं। मिश्रा ने कहा कि अगर उन्हें यह (विधानसभा उपाध्यक्ष) जिम्मेदारी मिलती है तो इससे विधानसभा की गरिमा बढ़ेगी। बहरहाल, मिश्रा ने यह भी साफ किया कि अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रस्­ताव नहीं आया है और अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आएगा तो शिवपाल सत्ता पक्ष और विपक्ष की पहली पसंद होंगे।

हालांकिउत्तरप्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री जसवंत सैनी ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।इससे पहले ये अटकलें थीं कि भाजपा शिवपाल को राज्यसभा में भेज सकती है और जसवंत नगर विधानसभा सीट से उनके बेटे आदित्य यादव को उम्मीदवार बना सकती है। बता दें कि भाजपा ने अक्टूबर 2021 में सपा के बागी नेता नितिन अग्रवाल को उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष के चुनाव में समर्थन दिया था और अग्रवाल विधानसभा उपाध्­यक्ष चुने गये थे। तब अग्रवाल ने सपा के उम्मीदवार नरेंद्र वर्मा को 244 मतों से पराजित किया था।





मोदी-शाह और योगी को ट्विटर पर करने लगे हैं फॉलो
भाजपा के टिकट पर हरदोई विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार जीतने वाले अग्रवाल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी इस बार की सरकार में आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। शिवपाल ने बीते दिनों मुख्­यमंत्री योगी आदित्­यनाथ से मुलाकात के बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आदित्­यनाथ और पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू किया।

सपा से बढ़ रहीं दूरियां
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का 10 मार्च को परिणाम आने के बाद शिवपाल और उनके भतीजे एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच एक बार फिर दूरी बढ़ने को लेकर चर्चा तेज हो गई। दरअसल, बीते दिनों सपा के विधायकों की बैठक में शिवपाल को आमंत्रित नहीं किया गया, जबकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का अध्यक्ष होने के बावजूद वह इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट से सपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीते हैं।

बीते 6 सालों से शिवपाल और अखिलेश के बीच चल रहा है मनमुटाव
राज्य में समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार में अखिलेश और शिवपाल का मनमुटाव 2016 में खुलकर उस समय सामने आ गया था, जब पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवपाल को अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया था। बाद में शिवपाल ने अपनी नई पार्टी बना ली थी।सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश ने शनिवार को नयी दिल्ली में अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी, लेकिन उनके बीच क्या बातचीत हुई, इसका पता नहीं चल पाया है। बहरहाल, शिवपाल की भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकियों के मद्देनजर पिता एवं पुत्र की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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