अन्य खबरें

ट्रंप की राह पर इमरान: अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले समर्थकों से सड़क पर उतरने की अपील, यह है उनकी योजना

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का आज इम्तिहान है। पीएम इमरान को अपनी सरकार बचाने के लिए रमजान के पहले ही दिन पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में अपनी शक्ति दिखानी होगी। क्योकि उनके खिलाफ पाक की नेशनल असेंबली में रविवार सुबह 11.30 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही शुरू होगी। माना जा रहा है कि इस पर हंगामे के बाद वोटिंग भी आज ही हो सकती है। वोटिंग के दौरान इमरान को कम से कम 172 सांसदों का समर्थन हासिल करना होगा ताकि वे प्रधानमंत्री पद पर कायम रह सकें।

हालांकि इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले एक बड़ी चाल चली है। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह अपने समर्थकों से सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने की अपील की है। उन्होंने अपने समर्थकों खासकर युवाओं से अपील की है कि वे पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने वाली विदेशी ताकतों के खिलाफ प्रदर्शन करें। उन्होंने यह भी दावा किया कि अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग को लेकर उनके पास एक से ज्यादा योजनाएं हैं।

बता दें कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के खिलाफ वहां की विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। ये पार्टियां इमरान के इस्तीफे की मांग कर रही हैं। इस नाजुक मौके पर इमरान के कई सांसदों ने पाला बदल लिया है और विपक्षी खेमे में चले गए हैं। इस वजह से इमरान आंकडों के अंकगणित में कमजोर पड़ गए हैं। इसके बाद इमरान लगातार पाकिस्तान की जनता से संवाद कर रहे हैं। इमरान कभी इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं तो वे कभी देशभक्ति का हवाला दे रहे हैं।

इस बीच पाकिस्तान के जियो न्यूज चैनल के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि इमरान सरकार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बहाने हिंसा भड़काने वाले हैं। सरकार का मकसद विपक्षी सांसदों को संसदीय लॉज से न निकलने देना रहेगा, ताकि वे नेशनल असेंबली तक न पहुंच पाएं। मीर के मुताबिक, अगर विपक्षी सांसद इस दौरान लॉज से बाहर आकर संसद में घुसने की कोशिश भी करते हैं तो उनके साथ मारपीट होगी।





आखिर क्या है इमरान की साजिश?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन हिंसक प्रदर्शनों के जरिए अपने खिलाफ पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग रोकना चाहते हैं। हालांकि, नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान साफ कर चुके हैं कि सरकार किसी भी सूरत में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं रुकवा सकती, क्योंकि पाकिस्तान का संविधान इसकी इजाजत नहीं देता।

अमेरिकी चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनाया था यही हथकंडा
2020 में हुए अमेरिकी चुनाव के नतीजों के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि डेमोक्रेट पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए धोखाधड़ी की है। इसके बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए कई फेक न्यूज और भड़काऊ पोस्ट्स लिखे। एक मौके पर तो उन्होंने अपने समर्थकों से नतीजों का विरोध करने तक के लिए कह दिया था। इसका असर यह हुआ कि ट्रंप समर्थक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए। 6 जनवरी 2021 को प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) पर हमला कर दिया था और इलेक्टोरल वोट्स की आधिकारिक काउंटिंग के दौरान जमकर उत्पात मचाया था। इस दौरान कई अमेरिकी सांसदों को जान बचाने के लिए गुप्त कमरों में खुद को लॉक करना पड़ा था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button