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स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा: बीते एक साल में वैक्सीन की वजह से हुई सिर्फ 9 लोगों की मौत

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से लड़ने भारत में बनी कोविड वैक्सीन सबसे अहम साबित हुई है। भारत में अब तक पहली, दूसरी और बूस्टर खुराक सहित 186 करोड़ वैक्सीन शॉट्स दिए जा चुके हैं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय समिति की रिपोर्ट में वैक्सीन से हुई मौतों को लेकर खुलासा हुआ है। समिति की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2021 के बाद से अब तक दिए गए कोविड टीकों की लाखों खुराक में मौत के सिर्फ नौ मामले सामने आए हैं।

दरअसल इस साल फरवरी 2021 और इस साल मार्च के बीच समिति द्वारा तैयार एईएफआई पर रिपोर्ट की एक सीरीज से यह डेटा लिया गया था, जिसके आधार पर यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, नौ मौतों में से प्रत्येक का कारण एनाफिलेक्सिस, थ्रोम्बिसिस और थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम जैसे वैक्सीन साइड इफेक्ट के रूप में बताया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि एनाफिलेक्सिस की अनुमानित घटना फ्लू के टीके की प्रति मिलियन खुराक में 1.3 है।





समिति के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन की वजह से हुईं इन नौ मौतों में से, प्रत्येक दो मौतें टीके से संबंधित रिएक्शन से हुईं, जिसे तेलंगाना, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में ए1 के रूप में वगीर्कृत किया गया था और केरल, हरियाणा और चंडीगढ़ में एक-एक मौत हुई थी। हताहतों में से आठ कोविशील्ड और एक कोवाक्सिन से जुड़े थे। रिपोर्ट में कहा गया है, कुल मिलाकर, टीकाकरण के लाभ उससे होने वाले नुकसान के छोटे जोखिम की तुलना में बहुत अधिक हैं। एहतियाती उपाय के रूप में, नुकसान के सभी उभरते संकेतों को लगातार ट्रैक किया जा रहा है और समय-समय पर समीक्षा की जा रही है।

टीकाकरण विभाग ने अब तक 1,112 प्रतिकूल घटनाओं और 391 मौतों के संबंध में 13 रिपोर्ट जारी की हैं। इनमें से अधिकांश को संयोग के रूप में वगीर्कृत किया गया है। नौ ए1 मौतों के अलावा, कम से कम 45 को अचानक अस्पष्टीकृत मौत के रूप में वगीर्कृत किया गया है क्योंकि समिति को नैदानिक जानकारी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट या कोई अन्य दस्तावेज नहीं मिल सका।

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