मध्यप्रदेश

फेक वीडियो को लेकर मप्र गरमाई सियासत: अब दिग्गी भी भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज कराएंगे एफआईआर, दी यह धमकी भी

भोपाल। फेक वीडियो को लेकर मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के नेता आमने-सामने हैं। दरअसल कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से खरगोन दंगे के बाद एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसका की उस घटना से कोई लेना देना नहीं था, वह वीडियो बिहार का बताया गया था, जिसके बाद भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसको लेकर दिग्गी अब भाजपा नेताओं पर अक्रामक हो गए हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने के लिए सोशल मीडिया पर की जाने वाली आधे-अधूरे पोस्ट पर पार्टी भी एफआईआर दर्ज कराएगी। साथ ही एक वीडियो को लेकर तो उन्होंने मानहानि का केस करने की धमकी भी दी है। दरअसल दिग्गी ने चार महीने पहले दिए भाषण का रियल और एडिटेड वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि भाजपा हमारे वक्तव्यों को एडिट कर बदनाम करती है। यह इसका ज्वलंत उदाहरण है। क्या यह जुर्म नहीं है?

रियल वीडियो में दिग्विजय सिंह वीर सावरकर की किताब का उल्लेख कर उसमें हिंदू और गाय बारे में लिखी बातें बता रहे है। एडिटेड वीडियो में वीर सावरकर और उनकी किताब का उल्लेख हटा दिया गया है। इससे ऐसा लगा कि यह बात दिग्विजय सिंह कह रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह कानूनी सलाह ले रहे हैं। जिन भाजपा नेताओं ने एडिटेड वीडियो प्रचारित किया उनके खिलाफ एफआईआर और मानहानि का दावा करेंगे।

भाजपाई झूठ फैलाने का करते हैं काम
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि भाजपा नेता अपनी राजनीति को चमकाने के लिए आधे-अधूरे वीडियो चलाकर कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाते हैं। इन वीडियो से वे झूठ फैलाने का काम करते हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब कांग्रेस झूठ फैलाने वाले तमाम ऐसे भाजपा नेता और समर्थकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगी।

यहां से बढ़ा विवाद
बता दें मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव की घटना के बाद हिंसा भड़क गई थी। इसमें दिग्विजय सिंह ने बिहार का फोटो खरगोन का बता ट्वीट किया और बाद में डिलीट कर दिया था। इस फोटो में एक युवक भगवा झंडा धार्मिक स्थल पर लगा रहा था। दिग्विजय सिंह ने सरकार से सवाल भी किए थे। इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत भाजपा नेताओं ने प्रदेश में दंगा कराने की साजिश बताया था। इस मामले में दिग्विजय सिंह पर प्रदेश के भोपाल समेत अलग-अलग शहरों में कूटरचित दस्तावेजों से धार्मिक भावनाएं भड़काना का केस दर्ज किया था। अब दिग्विजय सिंह भी भाजपा नेताओं को उनके द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर एडिटेड वीडियो से घेरने की तैयारी कर रहे हैं।

अब कांग्रेस सामने आएगी
दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद भाजपा के सामने कांग्रेस आएगी। सोशल मीडिया पर राजनीतिक लाभ के लिए कई तरह के बयान और वीडियो पोस्ट किए जाते हैं जिनसे भाजपा-कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास करते हैं। फेक वीडियो और बयान को पोस्ट करने के मामले में पुलिस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव नजदीक होने से राजनीतिक लाभ लेने के लिए भाजपा-कांग्रेस एक-दूसरे के बयानों के विवादित अंशों को सोशल मीडिया पर ज्यादा पोस्ट करेंगे।

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