मध्यप्रदेश

पीपीपी मॉडल पर चलेंगे पैरामेडिकल-मेडिकल कोर्स, विवि बनाएंगे 25 साल की कार्य योजना: बोले यादव

भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग से संबद्ध सभी शासकीय विश्वविद्यालय के अकादमिक विस्तार, अधो-संरचना विकास और आत्म-निर्भर बनने के लिए 25 वर्षों की योजना बनाकर कार्य करेंगे, जिसमें प्रत्येक पांच वर्ष के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। विश्वविद्यालय कृषि, मेडिकल पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करेंगे। पैरामेडिकल, मेडिकल के पाठ्यक्रम पीपीपी मॉडल पर चलाए जाएंगे। यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए दी।

उन्होंने कहा कि शासकीय विश्वविद्यालयों में नर्सिंग, पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए जा रहे हैं। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में पैरामेडिकल के चार पाठ्यक्रम पिछले वर्ष प्रारंभ किए गए थे, उनका विस्तार किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय आवश्यक रूप से वर्ष में एक बार पूर्व छात्रों का सम्मेलन करेंगे और वार्षिक स्मारिका प्रकाशित करेंगे। इसमें संबद्ध महाविद्यालयों की प्रमुख उपलब्धियों का भी विवरण रहेगा। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर अपने परिक्षेत्र की रिपोर्ट तैयार करेंगे।

विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाएंगे कृषि से जुड़े पाठ्यक्रम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रचार-प्रसार को लेकर व्यापक रूप से कार्य किया जाएगा। देवी अहिल्या विवि, अवधेश प्रताप सिंह विवि और बरकतउल्ला विवि कृषि से सम्बंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ करेंगे। सभी विश्वविद्यालयों ने सहमति दी है कि 30 जून तक सभी परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ अकादमिक विस्तार, परीक्षा कार्यक्रम, विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों की भर्ती को लेकर आॅनलाइन समीक्षा की गई।

राजधानी में पीपीडी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना
इसमें निर्णय लिया गया है कि सभी विश्वविद्यालय अधो-संरचना विकास के लिए 25 वर्षों की कार्य-योजना बनाएंगे। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। विक्रम विश्वविद्यालय से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसकी प्रारंभिक तैयारी के बाद मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।

30 मई तक सभी विश्वविद्यालय जुड़ेंगे डिजी लॉकर व्यवस्था से
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा विद्यार्थियों के समस्त दस्तावेज डिजी लॉकर से आॅनलाइन उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण पहल की गई है। मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में 30 मई तक डिजी लॉकर की सुविधा उपलब्ध होगी। डिजी लॉकर की सुविधा के नवाचार से विद्यार्थियों को अपने दस्तावेजों को अपने साथ हर जगह ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिजी लॉकर से छात्रों को कहीं भी अपनी अंकसूची, उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माईग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट आदि प्रमाण-पत्र उपलब्ध हो सकेंगे।

रिक्त पद भरने जारी किए जाएंगे विज्ञापन
सभी विश्वविद्यालय नैक और एनआईआरएफ की रैंकिंग के लिए तैयारी करेंगे। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर को देश के प्रथम 100 संस्थानों में शामिल कराने एवं अ++ ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन कर गैप एनालिसिस किया गया है। प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विज्ञापन जारी किए हैं। नैक ग्रेडिंग की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए सभी विश्वविद्यालयों में प्रतिनियुक्ति से प्राध्यापकों की पदपूर्ति भी की जाएगी।

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