किसान संगठनों का दावा: आज ऐतिहासिक होगी महापंचायत, टिकैत ने किया यह बड़ा ऐलान
बागपत। केन्द्र सरकार (central government) के बनाए कृषि कानूनों (agricultural laws) के विरोध में आज किसानों (farmers) की फिर महापंचायत (mahapanchayat) है। इस दौरान किसान संगठन (farmers organization) सरकार के खिलाफ मुजफ्फरनगर के GIC मैदान से हुंकार भरेंगे। आयोजित इस महापंचायत में पश्चिम उत्तर प्रदेश (West Uttar Pradesh) समेत देश के दूसरे राज्यों के किसान भी शामिल होंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे संघर्ष को देखते हुए किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने इस महापंचायत में बड़ा फैसला लेने का एलान किया है। इस महापंचायत को देखते हुए पुलिस प्रशासन (police administration) अलर्ट पर आ गया है और दूसरे जिलों से बलों को बुलाकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद किया जा रहा है।
मोदी सरकार को घेरने के लिए किसान संगठनों की तरफ से पूरा एजेंडा भी तैयार किया गया है, जो कई दौर की बैठक में तय किया गया है। इस एजेंडे को राष्ट्रीय के साथ ही राज्य और स्थानीय मुद्दों में बांटा गया है। राष्ट्रीय मुद्दों में कृषि कानून, MSP व किसान उत्पीड़न जबकि राज्य स्तरीय मुद्दों में मिशन यूपी के तहत गांवों तक पहुंचना और बकाया गन्ना भुगतान, गन्ने का भाव, बिजली के रेट शामिल होंगे।
भाकियू पदाधिकारियों की ओर से दावा किया गया है कि यह किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। महापंचायत में लाखों किसान जुटेंगे। महापंचायत में देश के हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा। यूपी ()UP, पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana)और राजस्थान (Rajsthan) के अलावा कर्नाटक (Karnataka) और तमिलनाडु (Tamil Nadu), केरल (Kerala) से भी किसानों के जत्थे आने शुरू हो गए हैं। कर्नाटक राज्य रैयत संघ की अध्यक्ष और बड़े कृषि वैज्ञानिक रहे डॉ. नजूड़ा स्वामी की बेटी समेत काफी किसान मुजफ्फरनगर पहुंच गए हैं। अलीगढ़, मथुरा, आगरा समेत वेस्ट यूपी के विभिन्न जिलों से लोग पहुंचना शुरू हो गए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के अनुसार इस एजेंडे के बारे में सभी किसान संगठनों के नेताओं को बताया भी गया है। सरकार को यह उत्पीड़न बंद करना होगा। इसके साथ ही राज्य स्तर के मुद्दों में मिशन यूपी को सबसे ऊपर रखा गया है, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) सरकार के विरोध में हर गांव स्तर तक जाएगा। इसके लिए व्यापक अभियान चलाने की अपील महापंचायत में होगी। यह सीधे तौर पर यूपी के चुनाव से जुड़ा मुद्दा होगा। इसके साथ ही राज्य स्तर के मुद्दों में मिलों पर बकाया गन्ना भुगतान, गन्ने के रेट बढ़ाना, बिजली के रेट कम कराना शामिल रहेंगे। इनके साथ ही एक स्थानीय मुद्दे को संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने एजेंडे में शामिल किया है।