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बसपा छोड़कर कांग्रेस में आये विधायक का फूटा गुस्सा, कहा- जलील किया जा रहा हमें

अलवरराज्यसभा चुनाव को लेकर पहले ही कई राज्यों में अपनों की नाराजगी झेल रही कांग्रेस में बवाल बढ़ता ही जा रहा है राजस्थान (Rajasthan) में दस जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होने के बीच अलवर जिले में तिजारा विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) (BSP) के टिकिट पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांगेस में शामिल हुए विधायक संदीप यादव (MLA Sandeep Yadav) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को पत्र लिखकर सरकार बचाने के लिए मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी विधायकों के साथ उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।

राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस (Congress) एवं उसके समर्थक विधायकों की उदयपुर (Udaipur) में बाड़ेबंदी की जा रही है और वहां पहुंच रहे विधायकों में यादव अभी शामिल नहीं हैं और इस बीच उन्होंने पत्र लिखकर उपेक्षा का आरोप लगाया है।  यादव ने पत्र में लिखा कि बसपा से कांग्रेस में शामिल होकर सरकार बचाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद भी विधायकों के साथ उपेक्षा की गई है। उन्होंने पत्र मे लगातार हो रहे भेदभाव के चलते ढाई सालों में उपजी मानसिक पीड़ा का हवाला दिया है।
पत्र में लिखा गया है “मैं और मेरे साथी बसपा से चुनाव जीत कर दिसम्बर 2018 में राजस्थान विधानसभा में पहुंचे और उसके बाद 2019 में हमने राजस्थान की जनता को एक मजबूत और स्थिर सरकार देने और अपने क्षेत्र में विकास के कार्य कराने के लिए आपसे इन सब बातों को ध्यान में रखने के बाद मुख्यमंत्री के द्वारा पूरा मान-सम्मान दिए जाने के वादे के साथ हम कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये। पर मुख्यमंत्री जी,  जब से हम यहाँ आए है लगातार हमें जलालत झेलनी पड़ रही है ,हमारे पार्टी में शामिल होने से बहुत लोगों को परेशानी होने लगी ऐसा महसूस होने लगा और लगातार काफी नेताओं द्वारा बयानबाजी की गयी कि सभी जगह मूल पार्टी के लोगों को पहले सम्मान मिले बाहर से आए लोगों का नहीं ,जबकि सबको ये भी पता था कि सरकार स्थिर नहीं है और इनके आने से हमे मजबूती मिली है।उनकों ये भी पता था की सरकार है तो ही आप सब की सरकार में भागीदारी है और सरकार में सत्ता का सुख भोग पा रहे हो। इन बातों से लगातार हमारे मन को लगातार ठेस पहुँची।”
उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी के लोग एक के बाद एक पार्टी छोड़कर जा रहे है ऐसी स्थिति में हम लोग देश में मात्र दो प्रदेश में से एक बड़े प्रदेश की सरकार बचाने में खड़े थे। उन्होंने कहा कि न तो हमारा सम्मान किया गया और न ही हमारी समस्याओं और राजनीतिक भविष्य के बारे में चर्चा की गई। उन्होंने कांग्रेस केे शीर्ष नेतृत्व से सवाल किया कि क्यूं कोई नया आपके साथ जुड़े।
उन्होंने पत्र में लिखा कि लगातार ये सुनने को मिला कि हमें बाकी लोगों का भी ध्यान रखना होता है और ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर विकास कार्य में भी हमारे साथ लगातार भेदभाव हुआ और मंत्रियों का हमारे लिए रुख उनका नजरिया उनका रवैया हमारे लिए भेदभावपूर्ण रहा।
यादव ने पत्र में लिखा कि सरकार के कुछ नाराज साथी के कारण सरकार संकट में आ गयी तो उस समय हम मजबूती से आपके साथ ,आपकी सरकार के साथ मजबूती से खड़े रहे एक सिपाही की तरह बिना झुके दिना रुके। उस समय खूब ऑफर भी आए प्रलोभन भी दिया गया लगातार सबको सम्पर्क किया गया और ये भी अटल सत्य है कि राजनीति में आज के जमाने में अर्थ का भी बहुत महत्व है पर उन सब को ठोकर मार कर संकट की घड़ी में हम आपके साथ मजबूती से आगे बढकर प्रदेश जनता के हित में प्रदेश के विकास के लिए हम मजबूत सिपाही की तरह आपकी सरकार के साथ थे।
उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में लगातार काफी घोषणाएं की गई है पर अभी काफी काम धरातल पर इसलिए नहीं आ पाया है कि अधिकारियों को कोई ध्यान नहीं है ,कॉलेज खुल गये स्टाफ नहीं है ,भवन नहीं है पहले बजट में खुले ट्रामा सेंटर का अब तक कोई अता पता नहीं है ,भिवाड़ी में करीब तीन से चार लाख की आबादी में उप जिला अस्पताल की घोषणा हुई जिसकी जगह मात्र पच्चीस बेड का अस्पताल चल रहा है। मुख्य सचिव तक सबको लगातार मिलते रहने के बाद भी जमीन का आवंटन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा “अब हम ये दुखड़ा किसके सामने रोये ।आपको ही कह सकते है आप हमारे अभिभावक है आपने ये बात कही ‘ हम तो विशेष रूप से आपसे ही उम्मीद करते है क्यूंकि हम तो आप पर भरोसा कर आपके साथ जुड़े थे।” अब चूँकि चुनाव का समय नजदीक आ रहा है तो सबको अपने भविष्य की भी चिंता है। बाड़ेबंदी के समय लगातार आपके और शीर्ष नेताओं द्वारा कहा गया कि हम आपका पूरा ख्याल रखेंगे और आपकी समस्याओं को सुनेंगे आपका पूरा ख्याल रखते हुए आपके भविष्य का भी ख्याल रखेंगे। मगर आज ढाई साल बाद तक भी किसी ने बुलाकर तसल्ली से नहीं पूछा कि आपकी समस्या क्‍या है आपके भविष्य के लिये हमने क्या तय किया है।”
उन्होंने कहा “मुझे भरोसा है आप अपने कीमती समय से कुछ समय निकालकर, मेरे इस पत्र को पढ़कर , हमारे मन की भावनाओं को समझ कर, उचित निस्तारण करेंगे,।”

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