म्यांमार में फिर बिगड़े हालात, सुरक्षा बलों ने लगाई गांव को आग
विदेश: यंगून। म्यांमार (myanmar) में 1 फरवरी 2021 की सुबह सेना ने वहां की आंग सांग सू (aung sang soo) की के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथों में ले ली थी। इसके बाद से ही वहां पर सेना और लोगों के बीच जबरदस्त संघर्ष चल रहा है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के कार्यकतार्ओं ने भी वहां के हालातों पर चिंता जताते हुए अंतरराष्ट्रीय पहल की अपील की है।
मध्य म्यांमार में सुरक्षा बलों और स्थानीय छापामारों के बीच संघर्ष के बाद एक गांव को जला दिया गया। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई। स्थानीय निवासियों ने बताया कि किन मा गांव के 200 से 240 घर सैनिकों ने मंगलवार को जला दिए।
सैनिक शासन का विरोध कर रहे स्थानीय छापामारों के साथ टकराव के बाद यह घटना हुई। म्यांमार में ब्रिटिश राजदूत डांग चुग (dang chug) ने हमले की निंदा की है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट (facebook post) में लिखा, ‘खबर है कि सैनिकों ने मागवाय में पूरा गांव जला दिया है। बुजुर्गो की जान गई है।
इससे एक बार फिर प्रदर्शित हुआ है कि सेना का खौफनाक अपराध जारी है और म्यांमार की जनता के प्रति उसके मन में कोई सम्मान नहीं है।’ सरकारी टेलीविजन ने हालांकि उग्रवादियों पर गांव में आग लगाने का आरोप लगाया है। म्यांमार के पूर्वी हिस्से में सेना से संघर्ष करने वाले जातीय राजनीतिक समूह ने सैनिक शासन के हमलों की जांच कराने की मांग की है। समूह ने कहा कि पिछले महीने 47 लोगों के अपहरण के बाद सैनिकों ने 25 निर्माण श्रमिकों की हत्या कर दी थी।
लोगों ने अन्य देशों में ले रहे शरण
यूएन कार्यकतार्ओं का कहना है कि यदि हालात पर काबू नहीं पाया गया तो फिर काफी मुश्किल होगी। सेना और लोगों के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से हजारों की तादाद में लोगों ने अन्य देशों में शरण ली है। भारत में हजारों की संख्या में म्यांमार से भारतीय सीमा में दाखिल हुए हैं। म्यांमार के भारत से लगते राज्य चिन मुख्यमंत्री सलाई लियान लुई ने भी तख्तापलट के बाद बने गंभीर हालातों के मद्देनजर मिजोरम में शरण ली है। वो चिन के 2016 से मुख्यमंत्री हैं।
जानकारी के मुताबिक उन्होंने सीमावर्ती शहर चंपई के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। आए। चंपई मिजोरम की राजधानी आइजल से करीब 185 किमी दूरी पर स्थित है। चिन राज्य भारत के मिजोरम के छह जिलों चंपई, सियाहा, लवंगतलाई, सेरछिप, हनहथियाल और सैतुअल से सीमा को साझा करता है। इसके अलावा ये मणिपुर और बांग्लादेश की सीमा से भी मिलता हे। मिजोरम के गृह विभाग के मुताबिक सूत्रों के मुताबिक तख्तापलट के बाद से अब म्यांमार से करीब 9,247 नागरिक मिजोरम आ चुके हैं। इनमें सलाई लियान लुई और आंग सांग सू की कि पार्टी नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी के सांसद भी शामिल हैं।