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इजरायल में नेतन्याहू का साम्राज्य खत्म, विपक्षी गठबंधन ने सरकार बनाने पेश किया दावा

विदेश: नई दिल्ली। इजराइल (Israel) में जारी सियासी घमासान (political turmoil) के पटाक्षेप होने के आसार दिखाई देने लगे हैं। विपक्षी राजनीतिक दलों (opposition political parties) में गठबंधन को लेकर सहमति बन गई है। इसके बाद 12 साल से सत्ता पर काबिज और मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) की सरकार का जाना तय हो गया है। इजरायल की विपक्षी पार्टियों ने आपस में गठबंधन कर लिया है और गठबंधन की सभी चीजें तय हो गई हैं। ऐसे में जल्द ही इजरायल में नई सरकार देखने को मिल सकती है। विपक्षी नेता याइर लैपिड (Leader Jair Lapid) ने बुधवार को Twitter पर ऐलान किया कि उनके गठबंधन ने राष्ट्रपति को सरकार बनाने की सूचना दे दी है। हमारी सरकार इजरायल के लोगों के लिए काम करेगी और देश को सुरक्षित रखेगी।

सबसे बड़ी पार्टी होने के नेता होने के नाते netanyahu को PM पद की शपथ दिलाई गई थी। हालांकि वे बहुमत साबित नहीं कर पाए थे। इसके बाद दूसरे नंबर की पार्टी और उनके सहयोगी दल (allies) को सरकार बनाने का न्यौता दिया गया था। इसके लिए उन्हें बुधवार यानी 2 जून की आधी रात तक बहुमत साबित करना था।

बता दें कि बीते दिन ही चुनाव प्रक्रिया के ऐलान से पहले का आखिरी दिन था। यानी अगर विपक्षी पार्टियां गठबंधन बनाने में एक दिन भी लेट हो जाती तो फिर Israel में चुनाव होते। पिछले दो साल में इजरायल में चार चुनाव हो चुके हैं, लेकिन किसी भी चुनाव में कोई एक पार्टी पूर्ण बहुमत नहीं ला पाई। अब जब विपक्ष की पार्टियों ने गठबंधन बना लिया है तो बेंजामिन नेतन्याहू को पद छोड़ना होगा। वह पिछले 12 साल से लगातार इजरायल के प्रधानमंत्री हैं।





एक हफ्ते में साबित करना होगा बहुमत
खास बात ये है कि याइर लैपिड (yair laipid) और नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) की पार्टियों को इस गठबंधन में इस बार एक अरब पार्टी भी शामिल हुई है। यूनाइटेड अरब लिस्ट (United Arab List) नाम की पार्टी इस गठबंधन का हिस्सा है, अगर सरकार बनती है तो वह इजरायल सरकार (Israeli government) में शामिल होने वाली पहली अरब पार्टी होगी। इजरायल की संसद में बहुमत साबित करने के लिए 61 का आंकड़ा चाहिए। अब जब विपक्ष ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है तो अगले एक हफ्ते के अंदर संसद में बहुमत साबित करना होगा और फिर नई सरकार का कामकाज शुरू हो जाएगा।

कोरोना संकट के बीच इजरायल में पिछले साल आखिरी बार चुनाव हुए थे, लेकिन किसी को बहुमत नहीं मिला था। तब बेंजामिन नेतन्याहू की अगुवाई में ही एक गठबंधन सरकार बनी थी, लेकिन वो ज्यादा वक्त नहीं चल पाई। बीते कुछ दिनों से इजरायल काफी सुर्खियों में बना हुआ है, पहले कोविड संकट (covid crisis), फिर वैक्सीनेशन (vaccination) और उसके बाद फिलीस्तीन-इजरायल के बीच चली जंग ने दुनिया का ध्यान उस ओर ही खींचे रखा।

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