कोरोना वाइरस की उत्पत्ति के आरोपों से बचने के लिए चीन छुपा रहा रिकार्ड, जानिए क्या है चीन का अभियान
विदेश: वाशिंगटन। वुहान लैब (wuhan lab) से कोरोना वाइरस (corona virus) की उत्पत्ति (origin) के अमेरिका (America) और भारत (India) के दावों के बीच चीन (China) ने सबूतों को नष्ट (destroy evidence) करने का अभियान शुरू किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सलाहकार बोर्ड के सदस्य जेमी मेटजल (Jamie Metzl) ने फाक्स न्यूज को बताया कि चीनी प्रशासन नमूनों को नष्ट कर रहा है और रिकार्ड को छिपाने में लगा हुआ है। अपने विज्ञानियों को झूठा आदेश दे रहा है और मूलभूत सवाल पूछने वाले अपने नागरिकों और पत्रकारों को जेल में डाल रहा है। इसने आगे बताया कि चीन कथित तौर पर अगले पांच वर्षो में दर्जनों जैव सुरक्षा स्तर तीन प्रयोगशाला और एक जैव सुरक्षा स्तर चार प्रयोगशाला बनाने की योजना बना रहा है, क्योंकि जांचकर्ता इस संभावना पर नजर डालते हैं कि कोरोना वायरस चीन के वुहान प्रयोगशाला से लीक हो सकता है।
मेटजल (metzl) ने कहा कि चीन खुद को जितना पाक साफ दिखाना चाहता है, वह उतना ही संदेह के घेरे में घिरता जा रहा है। हम चीन को यह फैसला करने का अधिकार नहीं दे सकते कि इस सदी की सबसे भयंकर महामारी को लेकर हमें जांच करनी चाहिए या नहीं। डब्ल्यूएचओ के सलाहकार ने कहा कि महामारी के संबंध में पूरी जांच को लेकर हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए।
अमेरिका ने इस रिपोर्ट के आधार पर लगाया था चीन पर आरोप
अमेरिका सरकार की राष्ट्रीय प्रयोगशाला (national laboratory) ने 2020 में एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस चीन की वुहान प्रयोगशाला से लीक हुआ है। वाल स्ट्रीट जर्नल (Wall Street Journal) ने गोपनीय दस्तावेज तक पहुंच रखने वाले लोगों के हवाले से यह जानकारी दी है। कैलिफोर्निया (california) स्थित राष्ट्रीय प्रयोगशाला ने मई 2020 में अपनी रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें इसने वुहान लैब से वायरस लीक होने की बात करते हुए आगे जांच की जरूरत बताई थी। अमेरिकी प्रयोगशाला ने सार्स-सीओवी-2 वायरस के जीनोम विश्लेषण (genome analysis) के जरिये यह निष्कर्ष निकाला था।